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aditya sharma

Romance

5.0  

aditya sharma

Romance

आखिर कहाँ नहीं तुम हो

आखिर कहाँ नहीं तुम हो

1 min
167


आखिर कहाँ नहीं तुम हो

देखूं जहाँ तुम ही तुम हो

भीड़ भाड़ में शांत गलियों मे

नुक्कड़ो मे चौबारो मे

आखिर कहाँ नहीं तुम हो..!!!


मेरी मुस्कुराहटों मे मेरी खुशियों मे

खामोशियों मे सन्नाटों मे

अनकहे लफ्जों और अल्फाजों मे

कश्तियों मे किनारों मे

लहरों और पतवारों मे

आखिर कहाँ नहीं तुम हो..!!


बारिश की हर इक बूंद मे

मेरी प्यास मे हर आस मे

मेरे हर इक अहसास मे

बसंत मे बहार मे, पतझड़ी संसार मे

आखिर कहाँ नहीं तुम हो..!!!


मेरे साये मे मेरे अक्स मे

आइनो मे पैमानो मे

फसानो और अफसानो मे

मेरे शहर के हर मयखानो मे

आखिर कहाँ नहीं तुम हो..!!


मेरी लोच मे मेरी सोच मे दिल के स्लीपर कोच मे

नज़र मे नजारों मे हजारो मे नजारों मे

मेरे रंग मे तेरे संग मे

चढी मुझपर तेरी भंग मे

आखिर कहाँ नहीं तुम हो..!!


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