aditya sharma

Romance

5.0  

aditya sharma

Romance

तुम हो...

तुम हो...

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तेरे बिना चैन कहाँ

तेरे बिना सुकून कहाँ

मेरी बेचैनी तो तुम हो

मेरा सुकून तो तुम हो।


तुम्हारे बिना दिल्लगी कैसी

तुम्हारे बिना जिन्दगी कैसी

मेरा इश्क तो तुम हो

मेरी दीवानगी तो तुम हो।


तेरे बिना हो बफा कैसे

तेरे सिबा कोई ख़फा हो कैसे

मेरा रूठना तो तुम हो

मेरा मनाना भी तुम हो।


तेरे बिना हो कोई ख्वाहिश कैसे

तेरे सिबा करूँ चाहत तो कैसे

मेरी आरजू तो तुम हो

मेरे ख्वाब तो तुम हो।


तेरे बिना बंदगी कैसी

तेरे बिना कोई दुआ कैसी

मेरा खुदा तो तुम हो

मेरा जमीर तो तुम हो।


तेरे अलावा अब मै देखूं किसको

तेरे अलावा मैं पढूं अब किसको

मेरा कलमा तो तुम हो

मेरा कुरआन तो तुम हो।


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