आज के दौर में हम क्या भूल रहे
आज के दौर में हम क्या भूल रहे
भूले हम पुरखों की जवानी की कहानी को,
उन सवा लाख नारियों के जोहर को भूल गये,
बून्द बून्द रक्त का बहा दिया इस देश पर,
उन तमाम हिंदुस्तानियों की धरोहर को भूल गये,
देश की रक्षा के खातिर
जो हंसते हंसते मिट गयी,
उस झांसी वाली रानी के
तेवर को भूल गये,
सीने पर गोली खाये
चंद्र शेखर को भूल गये।
