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Neetu Lahoty

Abstract

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Neetu Lahoty

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आईना है ज़िंदगी

आईना है ज़िंदगी

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आदत है मुझे हमेशा उजालों में रहने की.. 

अँधेरा डराता है मुझे.. 


कहीं कोई भेड़िया अचानक से आ न जाये 

तार-तार न कर दे इस जिस्म के..


छलनी न कर दे कोई कहीं 

रूह मेरी.. 

रुसवा न हो जाये कहीं ज़िंदगी मेरी.. 

सच में ये अँधेरा डराता है मुझे.. 


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