"आदमी"
"आदमी"
ईश्वर की सबसे अनुपम कृति है आदमी।
पल-पल गिरगिट की तरह रंग बदलता है आदमी।
नित्य करै भूल, गलती का पुतला है आदमी।
षट विकार, तीन गुणों से भरा है आदमी।
अपनी पर आ जाये तो,
बेमिसाल है आदमी।।
ईश्वर की सबसे अनुपम कृति है आदमी।
पल-पल गिरगिट की तरह रंग बदलता है आदमी।
नित्य करै भूल, गलती का पुतला है आदमी।
षट विकार, तीन गुणों से भरा है आदमी।
अपनी पर आ जाये तो,
बेमिसाल है आदमी।।