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J P Raghuwanshi

Abstract

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J P Raghuwanshi

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"आदमी"

"आदमी"

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ईश्वर की सबसे अनुपम कृति है आदमी।

पल-पल गिरगिट की तरह रंग बदलता है आदमी।


नित्य करै भूल, गलती का पुतला है आदमी।

षट विकार, तीन गुणों से भरा है आदमी।


अपनी पर आ जाये तो,

बेमिसाल है आदमी।।


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