आ बैल तू मुझे मार
आ बैल तू मुझे मार
आज जब मैं गया बाजार
पूछा क्या भाव दिया अनार
शायद दुकानदार था बहरा
कानों पर सन्नाटे का पहरा
उसने मुझे देर तक घूरा
फिर एकाएक वह बोला
200 रुपये में लो पूरा
शायद था दो किलो अनार
भाव सुन मैं हो गया बीमार
बगल में बिक रहा जो अनार
दो सौ में था किलो चार
जल्दी में था पहले ही ले लिया
दो सौ में दो किलो अनार
मैने अपने मन में कहा
आ बैल तू मुझे मार
यही कह कर लें लिया अनार
घर पहुंचा तो देखा मैनें
उसमें भी थे सड़े चार
घर पर आए मेहमान बोले
इसे तुम ही खाओ अविनाश कुमार
फिर से याद कहावत आई
आ बैल तू मुझे मार
