आ बैल मुझे मार
आ बैल मुझे मार
आ बैल मुझे मार
कभी न जाऊँ मैं जीवन में हार।
मुसीबत आए चाहे हर बार
सब कुछ दूँ मैं वार।
चुनौतियों से भरा पड़ा है संसार
डटकर करेंगे सामना हम हर बार।
कर देंगे सारी खुशियाँ हम वार
संघर्ष में ही छिपा है जीवन-सार।
जोड़ने होंगे हमें प्रेममय तार
तभी फलेगा- फूलेगा संसार।
नहीं करेंगे किसी से तकरार
मिटानी होगी नफ़रत की दीवार।
आ बैल मुझे मार परमात्मा हैं
सभी के पालनहार।
खुद बुलाई मुसीबतों में
हो चाहे जीत या हार।
किंतु बनाए रखेंगे सभी के
प्रति अपना सद्व्यवहार।
संघर्ष में स्वयं को निखारते हुए
बिखेरेंगे खुशियाँ हर बार।
