2019... मेरे शब्दों में
2019... मेरे शब्दों में
यह साल,
बहुत ख़ास रहा।
जिंदगी की कड़वी यादों में,
मीठी बातों का भी स्वाद रहा।
यह साल
बहुत ख़ास रहा।
किन भरमों में जी रहे थे,
आज तक...?
उनसे जब,
आमना - सामना हुआ।
क्या कहूं...!
जिंदगी में, इस साल।
तुज़र्बों का एक,
काफ़िला - सा रहा।
अपनों के चेहरे से,
वो नकाब उतरे,
कुछ को छोड़कर,
हर चेहरा दागदार रहा।।
यह साल,
बहुत ख़ास रहा।
जहां कुछ चेहरों की,
हकीकतें समझ गए।
वहीं कुछ चेहरे,
दिल में सिमट गए।
हर उस प्रेरणा का
शुक्रिया...
जिसने जिंदा होने का,
अहसास दिला दिया।
मैं हारता हुआ भी,
हर बाज़ी मार गया।
जिंदगी का हर दिन
अच्छा या बुरा
हर अनुभव
बहुत ही ख़ास रहा।
नये साल को,
सींचूगा
इन अहसासों से।
जिंदगी को जीने के,
बे-मिसाल उम्दा,
इन तरीको से।
यह साल,
बहुत ही ख़ास रहा।