डबल क्राँस
डबल क्राँस
थकी हारी विधि अपने 4 बच्चों के साथ घर पहुंची..7 साल हो गये थे विधि को पुलिस स्टेशन और बीमा कंपनी के चक्कर काटते हुए..विजय गरीबी से तंग आकर बीवी बच्चों को छोड़कर लापता हो गया था.. बच्चे भूख और प्यास से बिलबिला रहे थे.."कल से सारी झंझट ख़त्म" मन ही मन विधि सोच रही थी..अगले दिन सुबह के 11 बजे बीमा एजेंट 50 लाख का चेक लेकर दरवाज़े पर खड़ा था.. अगले 24 घंटे विधि के चेक क्लीयरिंग और कैश विड्रॉ में गुज़रे..बच्चों और 50 लाख रुपये लेकर विधि रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गई..कोटद्वार की टिकिट उसने पहले ही बुक कर रखी थी.. स्लीपर कोच में एक आदमी के बगल में बैठते ही ट्रेन चल पड़ी.. स्टेशन छोड़ते ही विधि और बच्चे बगल में बैठे विजय से गले लग गए.. खूब रोये..आखिर 7 साल बाद ख़ुशियाँ हाथ आई थी..और कोटद्वार स्टेशन पर पुलिस विधि और विजय को रंगे हाथ गिरफ्तार करने खड़ी थी..