कोरोना और लव स्टोरी!
कोरोना और लव स्टोरी!
जिस वक्त दुनिया कोरोना जैसी महामारी से दो दो हाथ कर रही है। ठीक उस वक्त घाटी में एक छोटी सी लव स्टोरी का जन्म हो रहा था। शकीना पिछले 5 दिनों से घर में बंद थी। जो घरवाले और रिश्तेदार उसकी खूबसूरती पर धाक जमाते और इतराते फिरते थे। आज उन्ही लोगों ने शकीना को अकेले मरने के लिए छोड़ दिया था। शकीना को तेज बुखार था। जोर जोर से खांस रही थी। सांस रफ्तार भी तेज़ थी। बिना कोई टेस्ट करवाए घरवाले मान चुके थे कि शकीना को कोरोना है। आस-पड़ोस और घरवालों को डर था कि शकीना को कोरोना की बात खुली तो उनका सामाजिक बहिष्कार हो जाएगा। मेजर समीर आतंकियों की तलाश में इस इलाके में आते थे। भले ही इलाके के लोग समीर और उनकी पलटन पर पत्थर बरसाते थे। लेकिन शकीना हमेशा फौजियों का सम्मान करती थी। उनकी मदद करती थी। यहां तक कि चाय पानी भी पूछती थी। आज एक बार फिर मेजर समीर इलाके में सर्च ऑपरेशन के लिए आए। शकीना को घर पर ना पाकर परेशान हो गए।
समीर को इलाके में कुछ संदिग्ध दिखा तो उन्होंने सभी घरों के साथ साथ शकीना के घर की तलाशी भी ली। जैसे ही वो एक अंधेरी कोठरी में घुसे तो परेशान हो गए। शकीना की हालत देख उनकी आँखों में आँसू आ गए। शकीना कहती रही-मेरे पास मत आओ। मुझे कोरोना है। नम आँखों से मेजर आगे बढ़ते रहे। शकीना पीछे पीछे खिसकती रही। वो बार बार मेजर से पास ना आने की दुहाई देती रही। आखिरकार समीर ने शकीना को गोद में उठाया और अस्पताल दौड़ पड़े। अस्पताल के बिस्तर पर शकीना ने समीर से पूछा-तुमने मेरे लिए अपनी जिंदगी दाँव पर क्यों लगाई। मुझ अभागी को तो मेरे अपनों ने ही मरने के लिए छोड़ दिया था। फिर तुमने ऐसा क्यों किया। तुम्हारा परिवार नहीं है क्या। समीर ने भरे हुए गले से जवाब दिया। तुमने भी तो देश के लिए कितनी बार अपनी जान खतरे में डाली। रही बात मेरे परिवार की तो देश ही मेरा परिवार है। इतने में डॉक्टर रिपोर्ट लेकर आ गया। शकीना को निमोनिया था। रिपोर्ट देखकर समीर की आँख में चमक आ गई। उसने फौरन शकीना को आगोश में ले लिया। आज दोनों पति पत्नी हैं। और घाटी के हर शख्स की ज़ुबान पर ये लव स्टोरी है।