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Sneha Srivastava

Romance

3.5  

Sneha Srivastava

Romance

"कच्ची उम्र का खूबसूरत लम्हा"

"कच्ची उम्र का खूबसूरत लम्हा"

2 mins
386


ज़िन्दगी का कौन सा लम्हा, "लम्हें ज़िन्दगी के " बन जायेगा ये भला किसे मालूम होता है ।

मुझे आज भी याद है वो कच्ची उम्र का सबसे खूबसूरत लम्हा, जब मैंने एक लम्हे में यूँ लगा मानो सारी ज़िन्दगी ही जी ली हो ।

पढ़ने में कुशाग्र होने के कारण मुझे अगली कक्षा में प्रोन्नति मिल गयी थी। मैं और मेरी एक सहपाठी, जो पढ़ने में मेरी ही तरह काफी तेज थी, हम दोनों का चुनाव प्रोन्नति के लिये हो गया था। हम दोनों कक्षा 2 से कक्षा 3 में प्रोन्नत हो गये। अगले दिन हमने नयी कक्षा में प्रवेश लिया। नयी कक्षा में जाने के कारण, हम दोनों चुप चाप आगे एक खाली सीट पर बैठ गये। फिर उस कक्षा के बच्चों ने हमारी सीट पीछे लगा दी और बोला कि जाकर पीछे बैठ जाओ और आगे से यहाँ बैठने की हिम्मत मत करना। हम दोनों उठकर पीछे ही जा रहे थे कि अचानक एक बहुत ही खूबसूरत और हंसमुख लड़के का प्रवेश हुआ और उसने मेरे रास्ता रोकते हुए बोला की "कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है तुम यहाँ मेरे सीट पर ही बैठोगी मैं पीछे जा रहा हूँ।" और उन लोगों को झिड़कते हुए, उसने बोला - की ऐसा व्यवहार करते हैं किसी के साथ??? आगे से ऐसा व्यवहार कभी मत करना। चलो माफ़ी माँगो इन दोनों से ।उसकी बात सब ने तुरंत मान ली और माफ़ी भी माँगी, उन लोगों की बातों बातों में मुझे पता चला की वो उस कक्षा का मॉनिटर और पढ़ने में सबसे तेज लड़का था । फिर उसने हम लोगों से हाथ मिलाया और हमारा नयी कक्षा में स्वागत किया। मैं उस तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले लड़के की समझ और संस्कार से बहुत प्रभावित हुई । मैंने आज से पहले इतनी अच्छी समझदारी वाली बात उस उम्र के किसी भी लड़के या लड़की से नहीं सुनी थी। उसने मुझे अपनी सीट पर बैठा दिया और स्वयं पीछे की सीट पर जाकर बैठ गया। वो मुझे देखकर मुस्कुराता रहा और मैं पहली बार में ही उसे अपना दिल दे बैठी। विद्यालय से आने के बाद, मैं दिन भर उसकी विनम्रता, समझ और संस्कार के बारे में सोचती रही । पहली बार एहसास हुआ कि जो मैं आज महसूस कर रही हूँ वो एहसास कुछ अलग और बहुत ख़ास है ।वो सूरत से ही नहीं बल्कि सीरत से भी एक खूबसूरत इंसान था, बेहद खूबसूरत। उस छोटी सी उम्र में मुझे पहली बार अपने दिल धड़कने का एहसास हुआ। वो एहसास मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत एहसास था सबसे खूबसूरत और वो लम्हा मेरी ज़िन्दगी में हमेशा के लिये "लम्हें ज़िन्दगी के " बन गया ।


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