तेरी ज़ुल्फ़ें
तेरी ज़ुल्फ़ें
कुछ बिखरी-बिखरी सी हैं।
उन्हें बिखरे रहने दो।
ज़ुल्फ़ें तुम्हारी।
तुम्हारे चेहरे पर सजे रहने दो।
महक उनकी
मेरी ज़िन्दगी महकाती हैं।
वो ज़ुल्फ़ें हैं तेरी।
पर ज़िन्दगी मेरी सजाती हैं।
अपने हाथों से उन्हें सहलाना।
तेरे चेहरे पर उनका बिखर जाना।
नाजाने मुझे क्यों अच्छा लगता है।
पर यूँ मुझे।
ज़िन्दगी का हर लम्हा सच्चा लगता हैं।
तेरे चेहरे पर बिखरी ज़ुल्फ़ें।
जब तेरे होठों पर आती हैं।
कुछ जादू सा दिल में।
तेरी ज़ुल्फ़ें कर जाती हैं।