तुम्हारे लिये
तुम्हारे लिये
बस तुम्हारे लिये लिख रहा हूँ सनम
हिफ्ज़ कर लो गज़ल तुमको मेरी कसम
वजह लिखने की मेरी फक्त आज तुम
कितनी हसरत उम्मीदे हैं तुमसे सनम
जब भी लिखूं तुम्ही बस मेरे सामने
मेरी हालत है कैसी समझ लो सनम
चाहता हूँ करूंं तुमसे मैंं गुफ्तगू
जेह्नो दिल मे हमारे तुम्ही अब सनम
रात भर नींद मे बस तेरा ख्वाब है
ऐसी हालत हुई दिल की मेरी सनम
आ भी जाओ कभी सामने मेरे तुम
खैरियत दिल की मेरी सभी तुम सनम
ओढ़ लो प्यार से तुम भी साया मेरा
बस यही दिल की हसरत हमारी सनम
छोड़ दो रस्म - ए - दुनिया मेरे वास्ते
दिल को राहत मिलेगी तुम्ही से सनम
छीन लो नींद आँखो से अब तुम मेरे
ख्वाब दिल मे सजा दो तू अपना सनम
देखना है तुम्हे मौत से पहले अब
तुम कयामत की चाहत हमारी सनम
देखकर तुझको दुनिया भूला दूंगा मैं
हर ज़रूरत मे शामिल तुम्ही अब सनम
थक गई उंगलियांं दिल मेरा ना भरा
लिखते का मशगला तुम्ही मेरी सनम
बोल दो खोल दो क्यों है यूं खामोशी
तुमको सुनता रहूँ उम्र भर मैं सनम