आखिरी अरमान
आखिरी अरमान
आखिरी अरमान है अल्लाह इस जिस्म पर कफ़न होने से पहले,
इक बार आसमान छूना चाहता हूं ज़मीन में दफ़न होने से पहले।
फ़ना कर दे वो चाहतें मौला जो मकसद से दूर ले जाएं मुझे,
खुद से किए वादे निभाना चाहता हूं वादा-शिकन होने से पहले।
कहीं गरूर का सरूर ना छा जाए एक दम ऊंचा मुकाम पाकर,
थोड़ी ठोकरें भी खाना चाहता हूं जीत का जश्न होने से पहले।
बर्बादियों के बवन्डर में जाकर मसकीन सा महसूस करता हूं,
खूबसूरत भी दिखना चाहता हूं चेहरे पर शिकन होने से पहले।
गल्तफ़हमियों की बड़ी वजह कि हम दूसरों को समझ नहीं पाता
सबको बोलने का मौका देना चाहता हूं अनबन होने से पहले
नुकसान ही नुकसान हुए हैं बदले की राहों पर चलकर
अशदोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहता हूं किसी का दुश्मन होने से पहले।
#postiveindia
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