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Ashish Aggarwal

Romance

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Ashish Aggarwal

Romance

जीना सीखा देते हो

जीना सीखा देते हो

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कैसे इतने गम तनहाईयों में रहकर भी हर वक़्त मुस्कुरा देते हो,

हम जिंदगी बिताते तुम जीकर दूसरों को भी जीना सीखा देते हो।


कैसे हर इन्सान की नीयत समझकर पक्का रिश्ता बना लेते हो,

हम अच्छे रिश्ते ढूंढते तुम जिससे जोड़ते उसे अच्छा बना लेते हो


कैसे तैयारी करते हो जो रास्तों को मंज़िल से मिला लेते हो,

हम रज़ा में रहते तुम जो चाहते उसे खुदा की रज़ा बना लेते हो।


कैसे इबादत करते हो जो खुदा को भी अपना बना लेते हो

हम उसके दर जाते तुम फ़रियाद से उसे पास बुला लेते हो

कैसे जुबान को पक्का किया है कि कही हर बात निभा लेते हो

लोग वादे तोड़ते, तुम निभाते यूं कि वादे की जरूरत हटा देते हो

कैसे लफ़्ज़ों को उम्मीदों की तरह जोड़ के टूटे अरमां सजा देत हो

आशिष सिर्फ़ लिखता, तुम लिख के औरों को लिखना सीखा देते हो|

#postiveindia


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