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Ashish Aggarwal

Inspirational

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Ashish Aggarwal

Inspirational

मंज़िल

मंज़िल

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हर शख़्स से रास्ता बनाते वक़्त कोई ना कोई खता होती है,

पर मंज़िल वही हासिल कर पाता जिसे मंज़िल पता होती है।


ईक मौका सबको देता है खुदा काबिलियत साबित करने का,

वो उसे वसूल कर लेता जिसके पास कुछ हटके अदा होती है।


जो ढाल लेता अपने आप को बदलते मौसमों के हिसाब से,

वो मुसाफ़िर चलता जाता चाहे लू या बाद​-ए-सबा होती है।


ख्वाहिशें इतनी हो चुकीं कि पूरी हुई दुआएं हम भूल जाते,

अक्सर सजदे में जुबान पर शुक्राना नहीं इल्तिजा होती है।


नहीं सताते किसी को उसकी खामियों पर मज़ाक उड़ाकर​,

चुप रहने और बर्दाशत करने की भी ईक इन्तिहा होती नहीं

आसान करोड़ों की भीड़ में बुलंदियों को छूना शोहरत

तभी मिलती जब किस्मत, किस्मत से फ़िदा होती है।




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