Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ajay Gupta

Drama

4.8  

Ajay Gupta

Drama

भय की सूरत

भय की सूरत

1 min
377


बैठे बैठे एक ख़्याल आया

क्या भय की

कोई तस्वीर बन सकती है ?

या कोई प्रतिमा।

क्या मृत्यु से भी भयंकर होगी

भय की आकृति।


और जैसे मैं तो

कल्पवृक्ष के नीचे था।

एक छाया उभर आई,

पर मुझे डर नहीं लगा।

एकाएक वो बोलने लगी,

मुझे तब भी डर नहीं लगा।


फिर वो बताने लगी

मेरे मन में छिपे भावों को।

मैं किस के बारे में क्या सोचता हूँ,

कैसे आगे बढ़ना चाहता हूं,

उसे मालूम था मेरे परिवार के प्रति

मेरे मन मे उपजे घर्षण का,

वो जानती थी मेरे मन मे बसे

अवैध आकर्षण को।


मेरे माथे पर पसीने की

बूंदें उभरने लगी।

उसने बोलना जारी रखा,

अब को मेरा अतीत कुरेदने लगी।

मेरी नज़र कहाँ-कहाँ भटकी,

किस-किस को झूठ बोला।

कितने धोखे दिए, किस किस को,

उसे सब पता था।


एक निष्पक्ष, सौम्य, सरल, मधुर,

सज्जन जैसी मेरी छवि

मेरी ही नज़रों के सामने

तार तार हो रही थी।


हे भगवान,

ये सब उजागर हो जाये तो।

फिर उसने मेरे अक्षम, अधम

भविष्य की बात कही।

कितनी निर्मम है यह,


अपनों को खोना,

अपनों की इज़्ज़त को खोना,

अपनी कमाई को खोना,

ओह, क्या यह सब होगा।

अरे, इसने तो मुझसे मेरा

सब छीन लिया।


मैं भागना चाहता था,

भाग नहीं पा रहा था।

उसे रोकना चाहता था,

रोक नहीं पा रहा था।

मुझे मृत्यु आसान लगने लगी,

सौम्य और सुरक्षित भी।


हाँ, भय की सूरत,

सच्चाई की सूरत जैसी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama