Kuldeep Singh Jodha
Drama
बदलना तय है
हर चीज़ का
इस संसार में
बस इंतजार करिये
किसी का 'दिल' बदलेगा
किसी के 'दिन' बदलेंगे !
समय
ग्लोबल वार्मिंग बड़ा है कारण मशीनीकरण जो ज्यादा हो। ग्लोबल वार्मिंग बड़ा है कारण मशीनीकरण जो ज्यादा हो।
खुशी से अपना जीवन जी लों जब तक शरीर में जान है।। खुशी से अपना जीवन जी लों जब तक शरीर में जान है।।
धर्म-कर्म में होती वृद्धि तब खुश हो जाते देवता सभी धर्म-कर्म में होती वृद्धि तब खुश हो जाते देवता सभी
छपाक सी मेरी जिंदगी कर दी मुझसे कैसी दुश्मनी थी। छपाक सी मेरी जिंदगी कर दी मुझसे कैसी दुश्मनी थी।
बडे़-बडे़ लछ्य छोटे पड़ते ऐसी एकता की ताकत बेजोड़। बडे़-बडे़ लछ्य छोटे पड़ते ऐसी एकता की ताकत बेजोड़।
उम्र बडी़ नही, बडी़ जिंदगी चाहिए नया परिवर्तन लाती सोच जो ले।। उम्र बडी़ नही, बडी़ जिंदगी चाहिए नया परिवर्तन लाती सोच जो ले।।
शत्रु भी अपने मित्र है बनते जब अपना प्रभाव दिखाते यें।। शत्रु भी अपने मित्र है बनते जब अपना प्रभाव दिखाते यें।।
जीवन में कभी समझ सके न ऐसा मीठा वार करेगा जीवन में कभी समझ सके न ऐसा मीठा वार करेगा
अपना-पराया भूल के सारे हिंदुतानी कहलाए सब देशवासी। अपना-पराया भूल के सारे हिंदुतानी कहलाए सब देशवासी।
मुट्ठी में रेत जो थामी थी, ना ठहरी तो पछताना क्या ? मुट्ठी में रेत जो थामी थी, ना ठहरी तो पछताना क्या ?
हार बैठी मैं सब कुछ उन पर, जब उनसे मिली थी मैं सखियाँ। हार बैठी मैं सब कुछ उन पर, जब उनसे मिली थी मैं सखियाँ।
क्या लिखूँ और कैसे लिखूँ, जब अपना परिचय न मुझको पता। क्या लिखूँ और कैसे लिखूँ, जब अपना परिचय न मुझको पता।
भारत माँ की डूबती नैया वहीं लगाये तीर भारत माँ की डूबती नैया वहीं लगाये तीर
भगवान से भी गुरू मिलता जो भवसागर से दे तार।। भगवान से भी गुरू मिलता जो भवसागर से दे तार।।
हम तो सहरा में भी, भीगे हुए से, ही लगते हैं, तेरे हुस्न से, जलवों की, जब बौछार होती है हम तो सहरा में भी, भीगे हुए से, ही लगते हैं, तेरे हुस्न से, जलवों की, जब बौछा...
थोड़ी कहों, थोड़ी सुनों हाल-ए-दिल सुनाया करों। थोड़ी कहों, थोड़ी सुनों हाल-ए-दिल सुनाया करों।
सबको संग में जो लेकर चलता ऐसी, उसके संग ही घटना हो।। सबको संग में जो लेकर चलता ऐसी, उसके संग ही घटना हो।।
न दुआ, आर्शीवाद की तुम्हे जरूरत जो नियत तुम्हारी साफ रही।। न दुआ, आर्शीवाद की तुम्हे जरूरत जो नियत तुम्हारी साफ रही।।
मेरे साथ में दूसरे बढे़ सदा परोपकार की भावना ह्रदय रही।। मेरे साथ में दूसरे बढे़ सदा परोपकार की भावना ह्रदय रही।।
माया कभी भी छू सके न वही कराते भवसागर पार। माया कभी भी छू सके न वही कराते भवसागर पार।