दिल और तुम
दिल और तुम
एक अजीब सी जंग है,
दिल और तुम्हारी मुहब्बत में
तुम याद नहीं करते,
दिल भूल नही पाता,
काश ये दिल होता खिलौने सा,
जो टूट जाता तो नया आ जाता।।
एक अजीब सी जंग है,
दिल और तुम्हारी मुहब्बत में
तुम याद नहीं करते,
दिल भूल नही पाता,
काश ये दिल होता खिलौने सा,
जो टूट जाता तो नया आ जाता।।