देश पर पर मर मिट जाना
देश पर पर मर मिट जाना
देश पर पर मर मिट जाना
वीरों का ..सम्मान है ये तो
देश की मिटटी का तिलक
लगाना, अभिमान ये ये तो
जिस गौरव गाथा के साक्षी
हम बने हमारा मान है ये तो
शीश नमन करता हूँ शहीदों
नम श्रद्धा का आह्वान है ये तो
देश पर पर मर मिट जाना
वीरों का ..सम्मान है ये तो
देश की रक्षा में जीवन अर्पण
सच में जीवन का दान है ये तो
मेरे देश में हिन्द की सेना देखों
लक्ष्मण रेखा के सामान है ये तो
यहाँ देश पर मिटने के लिए ही
हर शीश धड़ तैयार है अब तो।
देश पर पर मर मिट जाना
वीरों का ..सम्मान है ये तो