हर दिल अज़ीज़
हर दिल अज़ीज़
जुस्तजू के बाद भी जो मुकम्मल न हो सकीं
तेरा नाम भी उन्हीं आरजुओं में था।
इस जुस्तजू में किसी को वक़्त न दे सकें
वरना तो मैं सभी का हर दिल अज़ीज़ था।
जुस्तजू के बाद भी जो मुकम्मल न हो सकीं
तेरा नाम भी उन्हीं आरजुओं में था।
इस जुस्तजू में किसी को वक़्त न दे सकें
वरना तो मैं सभी का हर दिल अज़ीज़ था।