प्यार
प्यार
वो छोड़ दे तो दिल किसी और के लिए तैयार न हो
इतना भी ज़िन्दगी में कभी किसी से प्यार न हो।
देखने हैं मेरे हौसले तो उस दिन का इंतजार कर
जब तू हो हथियारबंद और मेरे हाथ तलवार न हो।
एतबार करने वाले को ही मिलते हैं फरेब अक्सर
कैसे खाएगा धोखा वो जिसे किसी पे एतबार न हो।
हर चीज की कद्र सही वक़्त पर होती है
पूछता नहीं शमां को कोई जब तक अंधियार न हो।
आज के दौर में कहाँ वो मेलजोल और अपनापन
मिलते नहीं आपस में, जब तक कोई बीमार न हो।
न मिटाइए वजूद खुदाया, कोख़ में किसी कन्या का
कहीं किसी देवी का, वो धरती पे अवतार न हो।।