तुम
तुम
तुम साथ होते हो तो
एक अक्षर को कहानी में बदल देती हूँ मैं।
तुम्हारे दर्द का अंदाज़ा लगा कर
तुम्हारी रूह को छू लेती हूँ मैं।
एक किस्सा हूँ बस तुम्हारी ज़िन्दगी का
कहानी का हिस्सा तो कोई और है।
तुम्हारे प्यार से भी अब हमें प्यार है
हमारी नज़रें तुम पर और तुम्हारी उस ओर हैं।
दिल की दिशाओं का भी ये कैसा खेल है ?
आँसुओं के साथ इस मुस्कान का क्या मेल है ?
जिस मोहब्बत तक पहुँचने के लिए
हमने तुम्हारा रास्ता बनाया था।
उस सीधे रास्ते में
हमारे दिल का भी एक मोड़ आया था।
इसलिए, तुम्हे आगे भेज कर,
हम ही पीछे रह गए।
जाना इस मोहब्बत को करीब से
जब तुम्हें उनके पास लाते लाते,
हम तुमसे ही दूर हो गए।
ग़म नहीं है क्योंकि
तुम्हारी खुशी में खुश रह लेंगे हम
तुम्हें उनके साथ देखना भी
सह लेंगे हम।
और जी लेंगे यह सोच के
कि एक पन्ना तुम्हारी कहानी का
हमारे भी नाम है।
उस एक पन्ने का वो ढाई अक्षर
हमारे दिल का पैग़ाम है।
अब क्या सुबह और क्या ही शाम है
बस दुआओं में अक्सर अब तुम्हारा नाम है।

