साये
साये
कितना ही कोशिश करूँ
दूर भागने की
भुलाने की तुझे
लेकिन विरह के
इन अंधेरों में
न जाने कहाँ से आकर
हावी हो जाते हैं मन पर
तेरी यादों के साये...
कितना ही कोशिश करूँ
दूर भागने की
भुलाने की तुझे
लेकिन विरह के
इन अंधेरों में
न जाने कहाँ से आकर
हावी हो जाते हैं मन पर
तेरी यादों के साये...