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Diksha Sri

Romance

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Diksha Sri

Romance

हार जाओगे समझे

हार जाओगे समझे

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तुम चाहते हो कि मैं तुम्हारी छाया बन कर तुम्हारे पीछे चलूं?

तुम्हें पता भी नहीं कि तुम मेरी छाया बनकर मेरे पीछे चल रहे हो।

मैंने तुम्हें चारों तरफ से घेर रखा है।

वह लोहे की जंजीर जो मेरे पांव में तुम्हें दिख रही है।

उसमें तुम खुद बंधे हो।

मैं तुम्हारी गुलाम नहीं तुम मेरे गुलाम हो।

कितना सताओगे?

कब तक सताओगे?

हार जाओगे।

समझे।

 


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