निसर्ग मित्र
निसर्ग मित्र
धरती रखो हरी-भरी,
यही जीवन है जान लो,
सीमेंट का जंगल मत बढ़ाओ,
पेड़-पौधे तुम बचालोI
पानी की समस्या से
सारा जहाँ परेशान है,
सूखा अकाल द्वार पर
हाथ फैलाए खड़ा हैI
सब कुछ है अनदेखा,
निसर्ग को तुम अपनाओ,
पृथ्वी है माता हम सबकी,
उसे बंजर ना बनाओI
चलो दोनों हाथों से हम
धरती को यूँ बचाएँ,
निसर्ग मित्र बनकर
पेड़-पौधे खूब लगाएँI