आजादी का अमृत महोत्सव
आजादी का अमृत महोत्सव
अमृत महोत्सव की कहानी लिख दूंगी मैं।
आन, बान, शान हौसलों की उड़ान लिख दूंगी मैं।
जो रहा गौरवशाली भारत का इतिहास लिख दूंगी मैं।
जयहिंद, वंदेमातरम, इंकलाब जिंदाबाद का नारा लिख दूंगी मैं।
रगों में रवानी, वीर शहीद की जवानी लिख दूंगी मैं।
सभ्यता सँस्कृति भारत की पहचान लिख दूंगी मैं।
जहां सर्वधर्म समभाव से अपनाते है वो बात कहूंगी मैं।
हो रहा जो विश्व मे देश के विजय का शंखनाद, जयघोष कर दूंगी मैं।
भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, झांसी की रानी की कहानी लिख दूंगी मैं।
हो रहा जो हर क्षेत्र में सफल, सफलता का प्रमाण है।
सोने की चिड़िया वाला देश ओलंपिक में सोना ला रहा है।
तिरंगा लेकर टोक्यो में राष्ट्र गान गा रहा जो ऐसे खिलाड़ी पर गर्व लिख दूंगी मैं।
कण कण में जहां अमृत हो घुला हो पावन कुंभ मेला को निशानी लिख दूंगी मैं।
श्रीराम, कृष्ण की धरा पर धर्म की अमिट कहानी लिख दूंगी मैं।
कर्म,धर्म और मर्म से सराबोर इस माँ भारती की रवानी लिख दूंगी मैं।
आजादी के पचहत्तरवे वर्ष की खुशी का उत्सव लिख दूंगी मैं।
"अमिता" की जुबानी आजादी के अमृत महोत्सव की अंनत शुभकामना लिख दूंगी मैं।
माँ भारती को कर प्रणाम गर्व से हिंदुस्तानी हूं कह दूंगी मैं।
