मोहब्बत वतन की हमसे है
मोहब्बत वतन की हमसे है
हिन्दुस्तान के वीर सैनिक,
हम सबको तुमपर अभिमान है
अपने माँ पिता परिवार से दूर,
रहते है वो सालों साल।
सरहद पर वो रहते ,
अपने देश की रक्षा करने।
चाहे हो सर्दी गर्मी,
या हो बरसात।
वो हर वक़्त रहते,
सरहद पर तैनात।
बर्फीले पर्वतों पे रहकर,
रेगिस्तान की गर्मी में तपकर
अपना दर्द चोट सब सहकर
हर वक़्त करते देश की सेवा।
मुकाम उनका वही वतन है,
अपने देश की सेवा करना
यही उनका धरम है।
सरहद पर जवान,
हर वक़्त रहते तैनात।
तभी हम घर पर,
सोते हैं चद्दर तान।
गर्व हमें हैं उन सैनिक पर,
जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करने
अपना लहू बहाया है।
वही देश का वीर सैनिक कहलाया है।
मोहब्बत वतन की हमसे है
इनके लिए करम हमसे है
करलो वतन से प्यार सभी
क्योंकि ये देश भी हमसे है.