भोले मेरे
भोले मेरे
सूरज की किरणें ऐसे चमकती
जैसे कोई तेज पुंज हो
अपना प्रकाश लिए
जैसे ध्यान से जाग रहे महादेव हो
शिव ही महान
शिव ही तो अजर अमर अविनाशी है
सच्चे भक्तों के लिए
शिव की उपासना ही तो काशी है
सूरज जब निकलता है
मन सबका नम: शिवाय बोलता है
धरा पर अपनी कृपा बरसाते
वो आँखें अपनी खोलते हैं
वो है नागेश्वर
शिव ही तो काशी के नाथ हैं
ना होता कभी हताश
क्योंकि संग भोले नाथ का साथ है
देवों के देव कृपा सिंधु
शिव संग जीवन में बनता विजय निशान है
विनती सुनते सबकी
भोले मेरे बहुत ही महान हैं।
