STORYMIRROR

सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

4  

सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

भोले मेरे

भोले मेरे

1 min
285

सूरज की किरणें ऐसे चमकती 

जैसे कोई तेज पुंज हो 

अपना प्रकाश लिए 

जैसे ध्यान से जाग रहे महादेव हो 


शिव ही महान  

शिव ही तो अजर अमर अविनाशी है 

सच्चे भक्तों के लिए 

शिव की उपासना ही तो काशी है


सूरज जब निकलता है 

मन सबका नम: शिवाय बोलता है 

धरा पर अपनी कृपा बरसाते 

वो आँखें अपनी खोलते हैं 


वो है नागेश्वर 

शिव ही तो काशी के नाथ हैं 

ना होता कभी हताश 

क्योंकि संग भोले नाथ का साथ है 


देवों के देव कृपा सिंधु 

शिव संग जीवन में बनता विजय निशान है 

विनती सुनते सबकी 

भोले मेरे बहुत ही महान हैं 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract