तुकडोजी महाराज
तुकडोजी महाराज
माणिक इंगळे | होते मूळ नाव |
यावली हे गाव | असे त्यांचे ||१||
भजन कीर्तन | जातीयता दूर |
अंधश्रद्धा दूर | केली त्यांनी ||२||
महान ते संत | म्हणे तुकडोजी |
गुरू अडकोजी | थोर होते ||३||
रचे ग्रामगीता | खेड्याकडे चला |
माणूस हा भला | तुकडोजी ||४||
विचारसरणी | साधी ग्रामोन्नती |
तीच रे उन्नती | केंद्रबिंदू ||५||
मोझरी आश्रम | केंद्र विचारांचे |
त्यांच्या हो कार्याचे | आज उभे ||६||
कर्मकांड दूर | सर्वधर्म भाव |
गुरुकुंज नाव | आश्रमाचे ||७||
स्वातंत्र्यलढ्यात | भोगी कारावास |
संत सहवास | तुकडोजी ||८||
राजेंद्रप्रसाद | मंत्रमुग्ध झाले |
त्यांनी संबोधले | राष्ट्रसंत ||९||
ते तुकड्यादास | करी प्रबोधन |
खंजिरी भजन | समाजात||१०||