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Deepali Thete-Rao

Romance

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Deepali Thete-Rao

Romance

अलवार वाजवी पावा......

अलवार वाजवी पावा......

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 अलवार वाजवी पावा 

अंतरी नाद हा घुमला 

रोमांचित होई राधा

मोहवूनी कृष्ण गेला


नादमधुर वेणुचा 

 मनी स्पर्शतसे राधेला

 ही मौनाची प्रेमभाषा

 शिकवून कृष्ण गेला


चिंब ओली राधा

 पिचकारीतूनी रंग भरला 

 आनंद तरंग गोकुळी 

प्रेम रंगात रंगुनी कृष्ण गेला


 प्रीतबंधनात परि ती मुक्ता

प्रेम वेडी राधा बाला

नव परिभाषा स्त्री भक्तिची

गुंफूनी कृष्ण गेला


उन्मत्त भावनांचा 

चहूकडे बाजार मांडलेला 

अन् गुपित अमर प्रितीचे 

सांगुनी कृष्ण गेला


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