ज़िन्दगी गुलज़ार है
ज़िन्दगी गुलज़ार है
रोज़ की तरह आज भी आम दिन था।पर नेहा के लिए खास था।आज उसका जन्मदिन था....शादी के 10 महीने बाद....ससुराल में उसका पहला जन्मदिन।घर में किसी को याद नहीं था।पति व्यवसाय के काम से बाहर थे।वह फ़ोन की इंतज़ार में थी, पर फ़ोन अभी तक आया न था।वह दैनिक कार्यों से निवृत्त हो किचेन में चली गयी।मां आज ज़रूर हलवा बना कर भगवान जी को भोग लगा चुकी होंगी और मेरे सुखी जीवन की दुआ मांग चुकी होंगी।लेकिन, आज पापा किसको फूलों के गुलदस्ते के साथ हैप्पी बर्थडे टू यु.. का गीत सुना कर उठाएंगे ?
वो तब तक नहीं उठती थी जब तक मम्मी पापा उसके जन्मदिन का तोहफा उसके सामने न रख देते। पुरानी बातें याद करके नेहा की आंखे छलक आयीं।उफ्फ! ये नयी ज़िन्दगी कितनी नीरस है!
इतने में डोरबेल बजी।नेहा ने ज्यूँ ही दरवाज़ा खोला वह खुशी से चीख पड़ी।
उसके मम्मी- पापा, सास-ससुर, पति सब हाथों में फूल और तोहफे लिए खड़े थे।सबने मिल कर गाना शुरू किया... हैप्पी बर्थडे टू यू।नेहा खुशी से सबसे लिपट गयी।आज का खास जन्मदिन .... ये सरप्राइज ....उसे हमेशा याद रहने वाला था। वाह ! ज़िन्दगी कितनी गुलज़ार है- नेहा ने मन ही मन ईश्वर का धन्यवाद किया।