anuradha nazeer

Tragedy

5.0  

anuradha nazeer

Tragedy

याद रहेंगी

याद रहेंगी

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एक बार एक अमिर ने अपनी नई कार को बड़े प्यार से पालिश करके चमका रहा था। तभी उसकी 3 साल की बेटी पत्थर से कार पर कुछ लिखने लगी। इसे देखकर पिता को बहुत गुस्सा आया। वह बेटी का हाथ जोर से मरोड़ देता है। बच्ची की उंगलियां टूट जाती है। बाद में बच्ची दर्द के मारे तड़पती है। बाद में अस्पताल में दर्द से कराह रही बेटी पूछती है पिताजी मेरी उंगलियां कब ठीक होंगी। ग़लती पर पछता रहा पिता कोई जवाब नहीं दे पाता।

वह वापस जाता कार पर लातें चलाकर अपना गुस्सा निकालता है। कुछ देर बाद उसकी नजर उसी खरोचं पर पड़ती है। जिसकी वजह से उसने बेटी का हाथ तोड़ा था। बेटी ने पत्थर से लिखा था आई लव यू वेरी मच डैड। लेकिन बच्ची को उच्चतम पुकार (ज्वार )पाकर 3 दिन में मर गई। उनके पिताजी बहुत ही पछताए। लेकिन क्या फायदा ।

गुस्से और प्यार के सीमा नहीं होती है। याद रहेंगी चीजें इस्तेमाल के लिए हैं और इंसान प्यार करने के लिए। लेकिन होता इससे उलट है लोग चीजों से प्यार और लोगों को इस्तेमाल करते हैं



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