वो साया !!!
वो साया !!!
रात के डिनर के लिए आज माँ ने पूरी, सब्ज़ी और रसगुल्ले बनाये थे। मैंने, भाई ने, पिता जी ने और माँ ने मिल कर एक साथ डिनर किया डिनर के दौरान हम सभी ने दिन भर के सारे घटनाओं पे बात की। डिनर बहुत ही स्वादिष्ट था। फिर सभी अपने अपने कमरों में सोने चले गए। मैंने भी अपने कमरे के लाइट बंद के और बिस्तर पे लेट गई। चूंकि मेरा कमरा आँगन के पास था तो मैं आँगन के तरफ देखते हुए आसमान निहार रही थी। तभी मैंने एक औरत का साया देखा आँगन में, मैं तो इतना डर गई के मैंने अपना चेहरा ढँक लिया। पर जब कुछ समय बाद मैंने हिम्मत की देखने की तो वो साया वहां नहीं था। मैं आज तक समझ नहीं पाई की वो साया था या मेरा वहम।
