विवाह या व्यापार
विवाह या व्यापार
"अरे वाह, गुड्डे गुड़ियों की शादी हो रही है किस गुड़िया की शादी किस गुड्डे के साथ कर रहे हो आप लोग ?"
"बुआ ये गुड्डा डॉक्टर है इसकी शादी इस गुड़िया से और ये आइ एस ऑफिसर है इसकी शादी इस गुड़िया से।"
"वाह ! तब तो आपकी गुड़िया भी डॉ, इंजीनियर होगी ?"
"नहीं बुआ ये डॉ की गुड़िया ने अभी 12 पास की है अच्छा लड़का कम लेनदेन में मिल गया तो इसकी शादी जल्दी कर दे रहे हैं हम, और ये आइ एस की गुड़िया के लिए मोनी ने अपने पिगगी बैंक के सारे पैसे दहेज देने में खर्च कर दिए।"
"और ये जो इधर गुड्डा, गुड़िया हैं इनकी भी शादी हो रही है क्या ? नहीं बुआ इनके लिए तो अभी खोज रहे हैं। ये गुड़िया डॉ है और ये गुड्डा किसान, बिना दहेज के डॉ लड़की की भी शादी नहीं होती और जो लड़की ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं उनके लिए भी सब जॉब वाले लड़के ढूंढते हैं ना आजकल।"
"तो फिर आप इन दोनों की ही शादी ही करा दो।"
"अरे बुआ ये क्या कह रही हैं आप ? ये बेमेल विवाह हो जाएगा जो मजबूरी में होगा और दोनों परेशान रहेंगे। अगले साल तक मेरे पिग्गी बैंक में बहुत पैसे हो जाएँगे "तब मैं अपनी डॉ गुड़िया की शादी कर दूँगी और ये तो गुड्डा है इसकी शादी किसी न किसी तरह हो ही जायेगी।"
अपनी तेरह वर्षीय भतीजी की बातें सुन मैं हतप्रभ थी और यही सोच रही थी कि "अपनी बुद्धि से समाज में हम विषमताएं और कुप्रथाएं उत्पन्न करते हैं और इसके दुष्परिणामों को ईश्वर की मर्जी पर थोप निश्चिंत हो जाते हैं।"
"सुन बेटा दहेज लेना देना अपराध होता है इसलिए गुड्डे को बोल दे कि बिना लेनदेन शादी करनी है तो ठीक वरना हम दूसरा ढूँढ लेंगे।"
"पर बुआ कहीं ऐसा करने से हमारी प्यारी गुड़िया कुँवारी तो नहीं रह जाएगी न ?"
अब मैं निरुतर थी।