Kamal Arora

Abstract

4.3  

Kamal Arora

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विधि की विडम्बना

विधि की विडम्बना

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, अरे! देखो देखो, रामू गिर गया इतनी ऊंचाई से गिरा है कि उसका बचना ही मुश्किल है।' बहुत से लोगों का शोर मेरे कानोंमें पड़ रहा था।

मैं अपने कमरे में बैठी अपनी पोती को कुछ काम करवा रही थी। काम छोड़ कर मैं भी उसी दिशा में भागी, जिधर से शोर आ रहा था।

क्यादेखती हूँ कि एक सोलह साल का लड़का जमीन पर गिरा पडा़ है। उसके सिर से बहुत खून बह रहा था।सब लोग बदहवास से उसे देख रहे थे।इतने में ही एम्बुलेंस की आवाज सुनी कालोनी के किसी भला मानस ने फोन करके बुला लिया था।उस लडके के साथ उसके पिताजी भी वहीं काम कर रहे थे।उसके पिताजी व दो तीन आदमी उस लडके को लेकर हास्पिटल गये डाक्टर ने मुआयना किया और फौरन आपरेशन थिएटर में ले गए। रामू का बहुत खून बह चुका था।

डाक्टरों ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की पर उसे बचाया न जा सका।

उसके पिताजी ननकू की तो जैसे जान ही निकल गयी।वह बेदम से उसके पार्थिव शरीर को ताके जा रहे थे।

लोगो ने उसे सान्त्वना देने के लिए हिलाया डुलाया तो फफक फफक कर फूट फूट कर रो पड़े, और बोले

"उसे कितना मना किया था कि अभी तू छोटा है, काम मुश्किल है तुझसे नहीं होगा मत कर, मत कर" पर वह माना ही नहीं।बस उसे अपनी माँ के आपरेशन के लिए जल्दी से जल्दी पैसे जमा करने थे।बोलता था बापू कर लूंगा सीख जाऊंगा।, माँ का आपरेशन भी तो करवाना है मुझे करने दो।"

दरअसल एक साल से उसकी माँ कैंसर से पीड़ित थी।उसके आपरेशन के लिये पैसों का इन्तजाम करना था।" ननकू ने अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लेने की कोशिश की थी।पर सबने साफ मना कल दिया था।क्योंकि उन्हें वापसी की बहुत ही कम उम्मीद थी।वह जुगाड़ न कर पाया था। अब बाप बेटा मजदूरी करके पैसे जमा करने की कोशिश कर रहे थे।पर हाय री किस्मत।

"अब उसकी माँ को मैं किस मूहँ से बताऊंगा सोच सोच कर तो मेरी जान ही जा रही है।" ननकू का रो रो कर बुरा हाल था।

कालोनी की कुछ औरतों ने हिम्मत की उसकी माँ के पास गयी हाल चाल पूछने के बाद उन्होंने बड़ी मुश्किल से उसके बेटे के बारे में बताया।

इतने में हास्पिटल से उसके लडके को लेकर वापिस आ गये।माँ ने बेजान लेटे अपने बेटे को देखा तो चकराकर गिरी और सदमे से उसका वही दम निकल गया।

वाह री किस्मत! जिस माँ के इलाज के लिए बेटा छोटी उमर में भी मजदूरी कर रहा था मौत ने उन दोनों को लील लिया। मौत का कोई समय नहीं होता, वह किसी समय भी आडे हाथों ले सकती है।अब ननकू कभी उस बिल्डिंग को ताकता है तो कभी उस चारपाई को, जिस पर उसकी बीवी ने दम तोड़ दिया था।

हाय री किस्मत ! विधि की विडम्बना देखो क्या से क्या हो गया ?


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