वही दिन
वही दिन
नव्या पिछले तीन घंटे से दरवाजे पर ही बैठी थी। एक मिनट के लिए भी वहाँ से नहीं हिली थी। इतना इन्तजार उसने पहले कभी किसी चीज के लिए नहीं किया था। तीन घंटे के इन्तजार के बाद उसे अपने पापा दिखाई दिए। जैसे ही उन्होंने गाडी रोकी वो दौड़ कर उनके पास पहुंच गयी। खिड़की खोल कर गाड़ी में चढ़ी और कुछ ढूंढने लगी। उसके पापा उसे देखकर मुस्कुराये और बोले,
"बेटा जो तुम ढूंढ रही हो पीछे वाली सीट पर है"
उसने गर्दन घुमाई तो रुई का एक गोला सीट पर रखा था। पर जब वो हिला तो नव्या ख़ुशी के मारे चिल्लालने लगी बोली
"पापा देखो वो हिल रहा है"
उसके पापा ने उसे उठाया और नव्या की गोद में दे दिया। नव्या उसे बड़े प्यार से सहलाने लगी। नव्या को इस तरह देख कर उन्हें वो दिन याद आ गया जब उन्होंने नव्या को पहली बार गोद में लिया था।