Kishan Dutt Sharma

Inspirational

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Kishan Dutt Sharma

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व्हाटसएप का उपयोग

व्हाटसएप का उपयोग

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इसमें बिल्कुल भी कोई सन्देह नहीं कि दूरभाष से लेकर सभी तरह के दूर संचार के आधुनिक माध्यम आज अनिवार्य रूप से उपयोगी हो गए हैं। बहुत से अवसरों पर बहुत से कार्यों को करने के लिए इन साधनों से काम चलाना पड़ता है। आजकल यह अनिवार्य सा हो गया है। व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय के स्तर पर आधुनिक नीति नियमों के अनुसार भी इन साधनों पर एक प्रकार की निर्भरता सी हो गई है। यह सार्वजनिक सत्य है कि इनके जरूरी उपयोग भी बहुत हैं और दुरुपयोग भी हैं। इनके लाभ भी हैं तो हानि भी हैं। हमें यह भी समझ लेना चाहिए कि बहुत से अवसर ऐसे होते हैं या बहुत सी परिस्थितियां ऐसी होती हैं जब इन साधनों पर भरोसा भी नहीं किया जा सकता। इन साधनों के उपयोग में कई प्रकार के धोखे बेईमानी, कई प्रकार के अनुमान, कई प्रकार की नासमझियां (misunderstanding) और कई प्रकार के दृश्य और अदृश्य रूप के नुकसान अंतर्निहित हैं। चूंकि विषय बहुत विस्तृत हो जाएगा। इसलिए मैं सभी प्रकार के डिजिटल साधनों के उपयोग के बारे में यहां चर्चा नहीं कर रहा हूं। कुछ थोड़ी सी बातें व्हाट्सएप के बारे में जो मैंने समझी अनुभव की हैं उन्हें ही स्पष्ट कर रहा हूं। 


  व्हाट्सअप्प आजकल सम्पूर्ण विश्व में बहुतायत रूप से उपयोग होने वाला संचार माध्यम है। पूरे विश्व में अरबों के अंदाज में लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। मेरे अपने ऑब्जर्वेशन के अनुसार इसके जितने भी उपयोग होते हैं या हो रहे हैं उनमें से साठ प्रतिशत ही सार्थक रूप से किए गए उपयोग होते हैं। व्हाट्सअप्प का शेष चालीस प्रतिशत उपयोग तो केवल व्यर्थ कैटेगरी, दुरुपयोग कैटेगरी और अनुपयोग स्तर का ही हो रहा है। यानि कि पूरे विश्व की स्थिति को यदि देखें तो इस व्हाट्सएप के हो रहे उपयोग में लगभग चालीस प्रतिशत तो खरपतवार जैसा ही है। इसका एक विश्लेषण...


 कुछ लोग व्हाट्सएप पर एक्टिव तो रहते हैं, वे व्हाट्सएप की सुविधा रखते तो हैं लेकिन उसका ठीक से पूरी तरह उपयोग करना नहीं जानते। इसलिए इसके उपयोग के अज्ञान के कारण, ठीक से नहीं समझने के कारण उनमें नासमझी और अनुमान लगाने की पूरी संभावना रहती है।


  कुछ लोगों के कॉन्टैक्ट्स इतने ज्यादा होते हैं और उनके पास व्हाट्सएप मेसेज इतने ज्यादा आते हैं कि उनके लिए व्हाट्सएप मेसेज देखना पढ़ना और उनके जहां जिनके जबाव देने अनिवार्य हो उनका जबाव देना - उसके लिए उनके पास समय नहीं होता है। तो इनबॉक्स को व्यर्थ ही भरना हुआ। उसमें जरूरी या गैरजरूरी या उपयोगी/अनुपयोगी का उन्हें पता ही पड़ता। भेजने में यूं ही व्यर्थ श्रम हो जाता है। 


  कुछ लोगों को मेसेज लिखना नहीं आता। लिखना तो छोड़िए, उन्हें बोलकर मेसेज भेजना भी नहीं आता। उन्हें यह भी नहीं आता कि किसी मेसेज को acknowledge कैसे किया जाता है। बहुतों को यह भी नहीं आता कि प्राप्त हुए मेसेज को कैसे ठीक से दूसरों को भेजें ताकि कोई मैटर शेष छूट ना जाए।


  कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मेसेज प्राप्त करना (receive करना) तो जानते हैं लेकिन मेसेज भेजना नहीं जानते। कुछ लोग ऐसे मेसेज भेजते हैं जो इतने कम गुणवत्ता वाली फ्रीक्वेंसी के होते हैं और प्राप्तकर्ता की स्थिति के अनुकूल नहीं होते या वे उनके लिए वे मेसेज केवल व्यर्थ किस्म के ही होते हैं। 


   कुछ लोगों को भाषा को समझने की दिक्कत होती है। क्योंकि कम से कम 30% मैसेज अंग्रेजी भाषा के होते हैं। उनके लिए उन्हें English भाषा को समझना बड़ा भारी काम लगता है। कईयों को केवल उनकी लोकल अथवा रीजनल भाषा ही समझ में आती है। 


  कुछ लोग व्हाट्सएप के एंटरटेनमेंट वाले मेसेजेज को प्राप्त कर उनसे अपने मन का रंजन करना तो जानते हैं। वे वैसे वैसे मैसेज की बड़ी बड़ी फाइलें भेजते forward भी करते और रिसीव भी करते रहते हैं। लेकिन जब उनके फोन की मेमोरी की क्षमता पूरी भर जाती है और फोन का स्टोरेज भर जाता है तो उन्हें अनावश्यक मैटर को डिलीट करना ही नहीं आता। फिर उनका फोन हैंग हो जाता है। फिर व्हाट्सएप का उपयोग स्थगित और पेंडिंग रह जाता है। यदि वे डिलीट भी करने की कोशिश करते हैं तो उसमें कुछ आवश्यक मैटर भी डिलीट हो जाता है।


  कुछ लोग अपने मेसेजेज ब्रॉडकास्ट करते हैं। ब्रॉडकास्ट एक प्रकार का ग्रुप मेसेज होता है। व्हाट्सअप्प की ब्रॉडकास्ट की सुविधा के द्वारा एक साथ सैकड़ों या हजारों लोगों को मेसेजेज भेजे जा सकते हैं। उस मेसेज में भी बहुत बार बहुतों को भ्रांति हो जाती है। वह एक सामान्य मेसेज होता है जो किसी एक ही व्यक्ति को नहीं भेजा गया होता है। वह एक सामान्य ऑब्जर्वेशन और विश्लेषण विवेचन होता है। लेकिन उसमें कईयों को यह समझने की भ्रांति हो जाती है कि यह मेसेज शायद मेरे लिए ही भेजा गया है।

  

  कुछ मेसेज पुन: पुन: भेजे जाते हैं। उनका रिपेटिशन होता है। मेसेज बार बार भेजना या मिलना या व्यर्थ मेसेज भेजना या रिसीव होना; यह भी व्हाट्सएप की सुविधा के उपयोग का बायोप्रोडक्ट होने वाली प्रॉबलम होती है। इसलिए हमेशा यह कोशिश करनी चाहिए कि व्हाट्सएप का कम से कम और बेस्ट उपयोग किया जाए।


  कुछ लोग व्हाटसएप पर fake (नकली/झूठे) मेसेज भेजते हैं। मेसेज के सही और गलत होने का पता ही नहीं चलता। जब तक ऐसे मेसेज के source (स्रोत) का पता चले, तब तक लोग व्यर्थ ही दहशत फैलाने के लिए इसका दुरुपयोग करते हैं। इससे व्यर्थ फैलता है। 


   कुछ लोग ऐसा भी करते हैं कि वे व्हाट्सएप पर अपना स्टेटस डालकर छोड़ देते हैं। व्हाट्सअप्प के शुरुआती दौर में यह स्टेटस की सुविधा नहीं थी। अब यह है। लेकिन बहुत से लोग इस स्टेटस का उपयोग भी ठीक तरह से नहीं जानते। व्हाट्सअप्प का स्टेटस केवल इसलिए ही डाला जाता है कि आप कुछ जताना चाहते हैं, कुछ कह देना चाहते हैं लेकिन वह जताना या बताना या कहना एक प्रकार से पर्दे के पीछे फेंक दिया हुआ मेसेज होता है। स्टेटस डालने वाले की याद जब जिसको आ जाए या जब वह उस व्यक्ति के बारे में उसकी वहां की स्थिति के बारे में जानना चाहे तो वह स्टेटस डालने वाले के स्टेटस को देखकर थोड़ा बहुत कुछ जान समझ सकता है। लेकिन वह तभी कर सकता है जब उसके या तो जानना आवश्यक हो या उसको आपकी याद आए।


  वह स्टेटस डालना एक डायरेक्ट मेसेज नहीं होता है। वह इंडायेक्ट होता है। और रिसीव करने वाले को यह भी पक्का नहीं होता है कि वह स्टेटस केवल एक ही व्यक्ति के लिए ही डाला गया है या अनेकों के लिए डाला गया है। क्योंकि कोई भी स्टेटस एक साथ सभी लिस्ट को भेजा जा सकता है। आप किसी एक व्यक्ति को, या एक से ज्यादा दो या दो अधिक लोगों को या उन सभी को जो आपके फोन के व्हाट्सएप की कॉन्टैक्ट लिस्ट में हैं - ये सभी प्रकार के ऑप्शन्स व्हाट्सएप में मौजूद हैं। स्टेटस और कुछ नहीं बल्कि यह अपनी वर्तमान समय की मानसिक स्थिति या आपके आसपास की स्थिति को दर्शाना है। उसमें आप कह सकते हैं कि अब आप कौन सा कुछ निश्चित प्रकार काम कर रहे हैं। आपके आस पास क्या चल रहा है। आप इस वक्त कैसा फील कर रहे हैं। लेकिन स्टेटस का मेसेज डालने यह मतलब नहीं होता है कि यह कोई जरूरी या इम्पोर्टेंट मेसेज है। जरूरी या इम्पोर्टेंट मेसेज तो डायरेक्ट मेसेज होता है। यह स्टेटस डालने का अर्थ है कि यह एक गौण मेसेज है। जो देखना चाहे तो अपने अपने टाइम पर जब जिसे समय मिले तो देख सकता है। इस स्टेटस में बहुतों को यह कठिनाई भी आती है कि वे स्टेटस डाल तो देते हैं लेकिन उन्हें यह देखना नहीं आता कि मेरे डाले गए स्टेटस के मेसेज को मेरे किस किस कॉन्टैक्ट ने देखा है या किसने नहीं देखा है। इस प्रक्रिया में यह प्रकार का धोखा होने या धोखा देने की या अनुमान लगाने वाला साबित होता है। अधिकांश मौकों पर इस स्टेटस की प्रक्रिया पर भरोसा नहीं किया जा सकता। बहुत बार यह सिर्फ अनुमान और व्यर्थ के इलावा कुछ नहीं दर्शाता। बरहाल स्टेटस हो या कोई मेसेज हो, ध्यान केवल उसी मेसेज पर जाता है जो रिसीवर (प्राप्तकर्ता) को डायरेक्ट भेजा गया हो।


  लगभग सभी आधुनिक साधनों का उपयोग या दुरुपयोग करने वाले दोनों प्रकार के तरीके होते हैं। हैकर्स यही तो करते हैं। साधनों से संबंधित थोड़ी तकनीकी (टेक्निकल) जानकारी प्राप्त करके और कुछ सोफिस्टिकेटेड साधनों के उपयोग द्वारा यदि चाहें तो किसी के भी इलेक्ट्रॉनिक अथवा डिजिटल के सभी साधनों को बड़ी आसानी से हैक किया जा सकता है। हैक करके फिर उनका दुरुपयोग किया जा सकता है। व्हाटसएप व्हाट्सअप्प को तो और भी ज्यादा बड़ी आसानी से हैक किया जा सकता है। इसलिए भी यह व्हाट्सएप का माध्यम भरोसेमंद की चीज नहीं है। व्हाट्सअप्प अपने हल्के फुल्के संचार माध्यम के तौर पर ही उपयोग के लिए भरोसेमंद हो सकता है। यह व्यक्तिगत और विषय के विमर्श के कार्यों के लिए भरोसेमंद नहीं है। इसके उपयोग में पचास प्रतिशत अवसरों पर यह कतई पक्का नहीं होता कि किसी विषय के बारे में या किसी व्यक्ति के बारे में हमें ठीक ठीक राइट यथार्थ इंफॉर्मेशन मिल ही जाएगी। 


   *व्हाटसएप की सुविधा के बारे में इस उपरोक्त विश्लेषण को कृपया ज्यादा गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है। इतना ध्यान अवश्य देना ताकि हमें यह जागरूकता बनी रहे कि इसके उपयोग और उपयोगकर्ताओं की स्थितियां क्या क्या क्या होते हैं/हो सकते हैं। इसके उपयोग, दुरुपयोग और व्यर्थ उपयोग को सिर्फ समझना ही है। समझने मात्र से ही व्यर्थ कम हो जाएगा। तब ही व्हाटसएप का सीमित और बेस्ट उपयोग हो सकता है। समझना भी जरूरी है। समझाना भी जरूरी है। हंसना भी जरूरी है। हंसाना भी जरूरी है। स्वयं के चिदात्म आकाश के अनहद नाद के संगीत में निमग्न होना भी जरूरी है।


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