Ashish Pathak

Abstract

3.9  

Ashish Pathak

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तुमको याद आएंगीं बातें

तुमको याद आएंगीं बातें

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कितना भी खुश रह लो, 

फिर भी तुमको रुलाएंगी बातें।

सब कुछ भूल जाओगे,

मगर फिर भी याद आएंगी बातें।

इश्क़ ने तुमको कर दिया बेघर,

फिर भी यादों में याद आएंगी बातें।

कह दिया आसानी से की भूल जाओ,

पर रात दिन तुमको फिर सताएंगी बातें।

बहुत मगरूर हो जाओगे एक दिन तुम भी,

तुम्हारे अकेले होने पर तुमको बुलाएंगी बातें।

और देख कर उनको अनदेखा कर दिया तुमने,

मगर आज फिर दर्द का एहसास कराएंगी बातें।

और जब भी सुनोगे किस्से किसी के प्यार के,

बिखर जाओगे तुम मोती सा और मुस्कुरायँगी बातें।



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