Ashish Pathak

Abstract Classics Inspirational

4.5  

Ashish Pathak

Abstract Classics Inspirational

मेरी माँ

मेरी माँ

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माँ का प्यार तो उसकी आँखों मे नज़र आता है,

उसका चेहरा मुझे उसकी हर बातों में नज़र आता है।

याद है मुझे जब मैं माँ के पास रहता था,

उनकी आँखों मे मुझे सिर्फ प्यार ही झलकता था।


आज मैं उससे दूर हूँ, थोड़ा सा मजबूर हूँ,

उनके सपने को साकार करने को मैं उससे थोड़ा सा दूर हूँ।

मैं माँ के विश्वास को कभी टूटने नही दूँगा,

तुझको कभी मुझसे रूठने नही दूँगा,

एक दिन तेरी कदमों चाँद , तारे भी आयेंगे,


तेरी आँखों में आंशू आये येसा कभी होने नही दूँगा।

ये सब करना मेरे लिए उतना ही जरूरी है,

लोग कहते है जिसे कि ये सिर्फ मेरी मज़बूरी है,

कभी कभी तेरी याद बहुत आती है,

हँसते हुए आंखों में भी आंसू दे जाती है,

याद कर लेते है तो पल जब तेरे पास रहता था

ये आँखे तेरे इक प्यार को भी तरस जाती हैं।


वादा जो किया है तुझसे वो बहुत जल्द ही साकार करूँगा,

तेरी खुशियों के लिए मैं हर कठिनाइयों को पार करूँगा।

आंशू भी तरश जाएंगे तेरे आंखों में आने के लिए,

कुछ इस तरह तेरे हर सपने को साकार करूँगा।


तू मेरी माँ है, मेरी जमी और आसमां हैं,

मेरी दुनियॉ सिर्फ तुझमें ही समाई है,

तेरे चरणों मे ही अपनी खुशियों को लुटाई है,

न होना कभी मुझसे दूर तू ,

तेरी चेहरे को मैंने अपने दिल मे बसाई है।


बहुत जल्द ही तेरे कदमों में ये जहां होगा,

तेरे चरणों में जमी ये नहीं पूरा आसमाँ होगा।

तेरे जीवन में मैं सुख के सागर का अविष्कार करूँगा,

तू मेरी माँ है, अपने आप से भी ज्यादा तुझको प्यार करूँगा।।


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