Mansi Singh

Romance

4  

Mansi Singh

Romance

तन्हाई के साथ

तन्हाई के साथ

1 min
409


वो जब मुझसे जुदा हुआ, तो बस आंसू रोक न पाए,

दिल बेख़बर रहा, ज़मीर को छोड़ न पाए।


हर रात जब तारे उगते, तन्हाई के साथ,

उनकी यादों में दिल खोया, चैन को खो न पाए।


कश्ती जब ख़ुदा ने अलविदा कहा, साथ छोड़ दिया,

मेरी आंखों में उनका चेहरा, ख्वाबों में सो न पाए।


मेरे दिल के आगे उनकी यादों का मंज़र,

मुझे जीने न देता, उजाले को चोट न पाए।


ज़िंदगी की किताब में वो अधूरे पन्ने हैं,

जो मैंने तुड़वा दिए, वो सबको खो न पाए।


जब से वो चले गए, रातों की तन्हाई बढ़ गई,

दिल मेरा उनकी तलाश में, शाम ओ ग़म को ढोए।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance