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Anil Makariya

Fantasy Inspirational Thriller

4  

Anil Makariya

Fantasy Inspirational Thriller

तीन मुल्क

तीन मुल्क

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भिश्ती रोज तड़के ही अपने घर से दसियों हज़ार कदम सहरा नापता और शाम ढले उन्हीं पदचिह्नों को समेटता हुआ घर वापस लौट आता। रेगिस्तान में पानी बेचना उसका पुश्तैनी धंधा तो था ही लेकिन चना-चबैना भी साथ में लेकर चलना, रेगिस्तान में फँसे किसी भूखे अमीर-उमराव से अधिक पैसे उगाहने का एक तरीका था और वह किसी गरीब को इसकी सूंघ भी लगने न देता। केवल उनकी प्यास बुझाने के पैसे लेकर उनको दफ़ा कर देता। उसने किसी से यह सुना था कि धनवानों की भूख महँगी और निर्धनों की भूख सिर्फ सवाब का कारण होती है। चालीस रोज पहले उसने सहर ही एक बूढ़े फ़कीर को पानी तो बेचा लेकिन जब उसने कुछ खाने की माँग रखी तो भिश्ती ने खाने की किसी वस्तु की मौजूदगी से ही साफ़ इनकार कर दिया था। शाम को घर लौटते समय उसने देखा कि उसी फ़कीर की लाश को कुछ गिद्ध टटोल रहे थे।

आज तो उसे भूखा-प्यासा अमीर मिला है, यह बात दीगर है वह उसे उसके ठौर से काफी दूर अपने काफ़िले तक ले आया है।

"इतनी दूर आया हूँ... कौड़ियों के मोल तो पानी नहीं बेचूँगा।" भिश्ती की लालच उसकी आँखों में साफ दिख रही थी।

"कौड़ियाँ अब लेता भी कौन है भिश्ती! तू तो अपनी पूरी मशक और सारे चबैने का दाम बोल।" अमीर उसकी मशक और थैली की ओर इशारा करते हुए बोला।

"रास्ते भर में आपको पानी पिलाया और यह सारा..." भिश्ती मन ही मन हिसाब करने लगा।

"मेरे इस परिवार में बाइस लोग हैं ... एक जने का दस हजार ... कुल मिलाकर दो लाख बीस हजार देता हूँ, काफी है न भिश्ती?" अमीर ने मशक और थैली उठाकर अपने साथियों के हवाले कर दी और हिसाबों में खोए भिश्ती के मुँह से सिर्फ इतना फूटा "आ... आप को मिलाकर तो ते... तेईस हुए।" अमीर ने मुस्कुराकर दस हजार और उसकी हथेली पर धर दिए। भिश्ती ने अपने सूखे होंठों पर जुबान फेरी और चढ़ते सूरज की ओर वापसी की राह पकड़ ली लेकिन आधे रास्ते में ही भिश्ती को समझ आने लगा कि उसने अपना सारा पानी बेचकर महान भूल कर दी है, अब वह न वापस जा सकता है ना ही आगे बढ़ने लायक शक्ति उसमें बची है। अब उसका हश्र भी उसी फ़कीर के मानिंद होना तय है जिसके रेत में दबे कंकाल के सामने से वह गुजर ही रहा है। फ़कीर के कंकाल को अपनी बंद होती हुई आँखों से देखते हुए भिश्ती अपने सूखे होंठों से बुदबुदाया।

"आज इस फ़कीर का चेहल्लुम है।"


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