Hina Ansari

Tragedy Crime Inspirational

4.1  

Hina Ansari

Tragedy Crime Inspirational

तेज़ाब

तेज़ाब

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अनाया बहुत सुन्दर थी.. उसकी बड़ी काली आँखें, गोरी रंगत, लम्बे कमर से नीचे आते बाल हर किसी का मन मोह लेते थेवो एक मिडिल क्लास परिवार से थीउसके पिता एक छोटी सी दुकान चलाते थे.. और उसकी माँ लोगों के कपड़े सीलती थी उसके दो छोटे बहन भाई थे.. और अनाया मेडिकल फाइनल की विद्यार्थी थी वह बहुत ज़हीन थी.. और वो स्कालरशिप स्टूडेंट थी.. वो अपने घर के हालत बदलना चाहती थी अपने माँ - बाप का सहारा बनना चाहती थी.. उसके सपने बहुत बड़े थे जिन्हें उसे पूरा करना थाअमन उसे बहुत पसंद करता था वो उसका क्लासमेट था वह बहुत अमीर घराने से थाअनाया के मन में भी उसके लिये भावनाएँ थी.. लेकिन वो उन्हें ज़ाहिर नहीं करना चाहती थी.. वो हकीकत पसंद लड़की थी और ये जानती थी की अमन और उसका कोई जोड़ नहीं.. कोई भविष्य नहीं.. इसलिए वह उससे बचती रहती थी एक दिन अमन ने उसे प्रपोज़ कर दिया और अनाया ने साफ मना कर दिया.. अमन की मन को ठेस पहुंची... उसे आज तक किसी लड़की ने मना नहीं किया था.. वो सोचने लगा एक मामूली सी गरीब घर की लड़की ने उसे ठुकरा दिया और वह गुस्से से लाल हो गया

एक दिन अनाया कॉलेज से घर जा रही थी रास्ते ही में अमन और उसके दोस्तों ने उसे दबोच लिया और अमन ने उसके सुन्दर चेहरे पर तेज़ाब फेंक दिया और वह सब भाग गये.. और अनाया की चीख हर तरफ फैल गयी.. वी तड़प रही रही थी.. छटपटा रही थी.. जबकि अमन अपने ठुकराये जाने का बदला लेकर उसे तड़पता छोड़कर जा चूका था

जो कभी प्रेम की बातें करता था आज पता चला वह प्रेम नहीं सिर्फ ज़िद थी जो पूरी नहीं हुयी तो उसका चेहरा बिगाड़ दिया गया

अगर वह सच में प्रेम करता तो ऐसा नहीं करता मगर वो तो उसे पाना चाहता था


जब उसकी आँख खुली तो वह हॉस्पिटल में थी.. वह अपना बदसूरत चेहरा देख कर बिलख कर रो पड़ीएक NGO ने उसकी सर्जरी करवा दी थी लेकिन अब तो वो बदसूरत हो चुकी थी.. आईने में अपना चेहरा देख कर वो खुद ही डर जाती

अमन को कुछ दिनों की सज़ा मिली लेकिन वो अमीर बाप का बेटा था.. पैसो ने उसे बचा लिए जबकि अनाया की पूरी जिंदगी तबाह हो गयी

 कुछ दिनों बाद जीवन पटरी पर आ चूका था.. वह अपना कालेज फिर से शुरू कर चुकी थी अब उसे किसी का डर नहीं था.. उसे अपने सपने पूरे करने थे.. अपने माँ बाप का सहारा बनना था

उसने अपने सारे सपने पूरे कर लिए थे वह डॉक्टर बन चुकी थी... और बहुत अच्छी जिंदगी गुज़ार रही थी... लेकिन उसे इस बात का दुख था की वह अपने दोषियों से बदला ले नहीं पायी उसे इंसाफ नहीं मिल पाया.. और सिर्फ वही तो नहीं थी जिसे इंसाफ नहीं मिला उसके जैसी बहुत सी लड़कियाँ है

जिनको सिर्फ इस बात की सज़ा मिल रही है की उन्होंने किसी को मना कर दिया किसी ज़बरदस्ती के रिश्ते से इंकार कर दिया..उसके जैसी जाने कितनी लड़कियाँ ऐसी सज़ा काट रही हैं.. जिसकी वो हक़दार नहीं थी


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