Writer Rajni Sharma

Inspirational

4  

Writer Rajni Sharma

Inspirational

वो भयंकर तूफ़ान

वो भयंकर तूफ़ान

3 mins
262


सर्र-सर्र की आवाज़ करती तेज आँधी चल रही...🌪आसमान अचानक घने काले बादलों से घिर गया..देखते ही देखते भयंकर तूफान जैसे अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका हो🌦..! जो अपने साथ मानों सब कुछ उड़ा कर ले जाना चाहता हो। मूसलाधार तेज बारिश होने लगी। एलजी रहा था कोई भयंकर बाढ़ सबकुछ तहस-नहस करने आई हो। मेघ की गर्जन और कड़कती बिजलियों के शोर से सबकुछ जैसे सुन्न पड़ गया हो। पेड़ पर घोंसलों में बैठे पंछी 🐥अपने पंजों में दबा कर नन्हें चूजों को अपने पास ही दुबका कर छुपाने लगे। 🐣

लगभग एक घंटा ये तूफ़ान और बारिश अपना खौफ़नाक दृश्य दिखाते रहे जब तक सबकुछ खत्म नहीं हो जाता।

सुनीत ये भयावह अंधकार देखकर भी डरा नहीं और इसके जल्द खत्म होने का इंतज़ार ही कर रहा था।बारिश और तूफ़ान दोनों अब थम चुके थे। वो तेज बारिश की बौछारें नहीं हैं...लेकिन छत से टपकने वाले पानी की आवाज़ अब भी सुनाई दे रही थी। 

टप-टप-टपक...सुनीत घर से बाहर निकला उसकी नज़र घर के सामने खड़े पेड़ पर गई और वो एकटक उसकी तरफ़ ही देखने लगा।

जिस पेड़ पर उसके कितने ही बेज़ुबान दोस्त रहते थे जो यूँ तो उससे कुछ बात नहीं करते लेकिन फिर भी दिन भर अपने चीं-चीं के शोर से सबका ध्यान अपनी ओर खींचते रहते थे। 

लेकिन आज शाम वो चीं-चीं का शोर नहीं था..इस तूफ़ान ने सबकुछ एक सन्नाटे में बदल दिया ।

काले बादल छँट चुके थे, मौसम एकदम साफ़ था लेकिन एक उदासी छायी थी जो सुनीत के मन को घेर रही थी।

सुनीत एक छोटा लड़का जिसे पशु-पक्षियों से लगाव ऐसे था जैसे चाँद को चकोर से हो।😄 उसका भोलापन और मासूमियत उन बेजान जानवरों को भी भा जाती थी, जिन्हें लोग खूंखार समझते हैं 😊।

ऐसे ही प्यारे दोस्तों की दुनिया में उसके दिल के सबसे करीब थे सामने के पेड़ पर रहने वाले नन्हें चूजे। जिन्हें देखकर उसे एक अजीब सा सुकून मिलता था। लेकिन आज लाख ढ़ूँढ़ने पर भी उसे वो सुकून कहीं मिल ही ना सका जो इस घने-काले तूफान के साथ ही मानों कहीं चला गया..!😓

इस भयंकर तूफ़ान ने नन्हें परिंदों के घोसलों को तहस-नहस कर दिया और नन्हें चूजे धरती पर गिर गए।

नन्हें चुज़े अपने माता-पिता से अलग होकर जैसे चीख-चीख कर मदद के लिए पुकार रहे हों।

सुनीत को यह सब देखकर बहुत बुरा लगा और उन नन्हें चूजों को प्यार भरी नज़रों से निहारने लगा कि तभी एक बिल्ली आई जो मानों अपना शिकार तलाशते हुए वहाँ तक आ पहुँची हो। उसने देखते ही एक नन्हें चूजे को अपना निशाना बनाया और मुँह में दबाकर चलने लगी।

सुनीत पास खड़ा ही सब दृश्य देख रहा था🕵️‍♂️ जो इस शैतान बिल्ली से अपने नन्हें दोस्त की जान बचाना चाहता था। लेकिन एकाएक कुछ समझ ही ना आया कि वो क्या करे, कैसे उस छोटे बगुले की जान बचाए। बिल्ली सुनीत के "मेरे दोस्त को छोड़ो बिल्ली" चिल्लाने पर भी नज़रें बचाकर भाग निकलने की फ़िराक में थी। तब बिना डरे सुनीत ने पास मे ही पड़ी एक छोटी कंकड़ उठाकर बिल्ली को भगाने के लिए उसकी तरफ़ फेंकी। जान का खतरा जानकर बिल्ली नन्हें चूजे को मुँह से गिराते ही झट से वहाँ से भाग गई।

इस नन्हें चूजे को बचा तो लिया बिल्ली से लेकिन अब इसे इसके माता-पिता के पास घोंसले में ही कैसे पहुँचाऊँ, 🤔क्योंकि यदि ऐसा नहीं किया तो फिर से बिल्ली या कोई अन्य जानवर आकर इसे खा सकता है। 🙄सुनीत ये सब सोच ही रहा था और उसने उस चुज़े को प्यार से अपने कोमल हाथों में उठा लिया। 

बिल्ली के मुँह में दबोचने की वजह से नन्हें चूजे को थोड़ी चोट लग गई थी।😔 सुनीत उसे लेकर घर आ गया और उसे बैड पर लेटा दिया। फिर उसने रसोई से हल्दी व पानी का एक घोल बनाया और नन्हें चूजे के घावों पर लगाने लगा ताकि वह जल्दी ठीक हो जाए।तब उसने उसे थोड़ा पानी पिलाया ओर कुछ देर आराम से लेटाया ताकि उसे थोड़ी राहत हो।😇 बिल्ली से बचाकर वो खुश था पर पेड़ से नन्हें चुज़े के माता-पिता के चिल्लाने की आवाज़ें अब भी लगातार ही आ रही थी। 

🐱बिल्ली से जान तो बचा ली लेकिन इसे अब पेड़ के ऊपर इसके माता-पिता के पास पहुँचाना कैसे संभव होगा क्योंकि सुनीत अभी सिर्फ 8 वर्ष का है और इतनी ऊपर हाथ नहीं जा रहा कि उसे आसानी से उसके घोंसले में छोड़ दे।😐

शिकारी बिल्ली नन्हें शिकार के इंतज़ार में अब भी घात लगाए बैठी थी और दूसरी तरफ नन्हें चूजे के माता-पिता चीं-चीं के शोर से मानों सुनीत को चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हों हमारा चूज़ा हमें लौटा दो।

सुनीत ने अपने दोस्तों को बुलाया और शिकारी बिल्ली की भी सारी बात बता दी।🐈

तब सभी दोस्तों ने मिलकर एक सीढ़ी को उठाया और उसे पेड़ के तने से लगा दिया।

अब सुनीत आसानी से पेड़ पर पहुँच सकता था उसने नन्हें चूजे को उठाया और घोंसले की तरफ़ करके फेंक दिया। लेकिन चूजा घोंसले की बजाए धरती पर जा गिरा।

सुनीत ने उसे फिर से उठाया और अपनी पूरी ताकत के साथ घोंसले की तरफ़ फ़ेंक दिया।

अब नन्हा चूजा अपने माता-पिता के साथ घोंसले में खुश था, 🐤जहाँ ना उसे किसी शिकारी बिल्ली का डर था और ना ही किसी तूफ़ान का खतरा।

सुनीत अपने इस छोटे से प्रयास से बहुत खुश था की आज उसने अपनी समझदारी से किसी की जान बचा दी।😎

ऐसा लग रहा था मानों सच में नन्हें बगुले का परिवार सुनीत को धन्यवाद कह रहा हो और सुनीत भी अपने दोस्त की बचाकर खुश था।😍

💖इस भयंकर तूफ़ान की तबाही से आज एक नन्हीं जान को बचाकर वह खुशी से नाच रहा था।🕺


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational