मेरा लेखन मेरी प्रेरणा

मेरा लेखन मेरी प्रेरणा

4 mins
741


हम अपने आस-पास बहुत से ऐसे लोगों को देखते हैं जो जीवन में कुछ विकट परिस्थितियों के सामने घुटने टेक देते हैं। लेकिन आज की हमारी कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसने अपनी विकट परिस्थितियों से भी प्रेरणा लेकर खुद की एक नयी पहचान बनाई और अपने जीवन को एक नई दिशा, एक नया लक्ष्य दिया।

 तनाव हमारे जीवन में एक दीमक की तरह होता है जो दिन- प्रतिदिन हमारे आत्मविश्वास को खोखला करता रहता है । कभी-कभी ये तनाव इस हद तक बढ़ जाता है कि हर positive situation में भी हमें एक negativity ही नजर आने लगती है। फिर भले हम कितनी भी कोशिश करें लेकिन किसी भी काम को करने की जो प्रेरणा जो शक्ति हमारे पास होती है, तनाग्रस्त होकर हम उसे शायद कहीं खो देते हैं क्योंकि एक नाकारात्मकता हमें घेर लेती है । लेकिन समय के साथ साथ-साथ हमें समझ आने लगता है कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जिनसे हम अपने इस तनाव को कम कर सकते हैं। आज की कहानी भी एक ऐसे ही तनाव का शिकार हुई लड़की की है। आज के समय में हर इंसान किसी न किसी वजह से इस तनाव का शिकार है। कभी-कभी हम कुछ ऐसी चीजों की वजह से तनावग्रस्त हो जाते हैं जिन पर हमारा कोई वश ही नहीं जैसे अपनी Looks अपने background को लेकर। तो कभी-कभी कुछ परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती हैं कि हम खुद को बहुत ही अकेला और टूटा हुआ महसूस करने लगते हैं। जहाँ हमें लगने लगता है कि शायद अब ज़िन्दगी में कुछ सही हो ही नहीं सकता। कुछ ऐसा ही वाक्या निशा के साथ भी हुआ। 

 निशा एक ऐसी लड़की जो पढ़ने में बहुत ही होशियार, कॉलेज की हर प्रतियोगिता में अव्वल आने वाली। जिसका हमेशा से सिर्फ एक ही सपना था- कुछ अलग करना, पढ़-लिख कर एक बड़ी अफसर बनना। स्कूल टाईम से ही हर class में फ़र्स्ट आती, एक अलग ही जज़्बा और जुनून था कुछ कर गुजरने का। कॉलेज जाने का सपना भी पूरा हुआ जिसमें हर प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन किया । ग्रेजुएशन में कॉलेज में फर्स्ट पोजीशन से पास हुई और अब तैयारी थी मास्टर्स के लिए। लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। निशा की ग्रेजुएशन कम्पलीट हुई ही थी कि अभी से घर वालों ने शादी के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया क्योंकि घर के बड़े बुजुर्गों और रिश्तेदारों का मानना था कि लड़की को ज्यादा पढ़ाना-लिखाना नहीं चाहिए। इसलिए ग्रेजुएशन हो चुकी है तो जल्दी से निशा की शादी कर दी जाए। लेकिन निशा ने हर किसी की बातों को अनसुना कर मास्टर्स में एडमिशन के लिए कॉलेज में अप्लाई किया और शहर के सबसे बड़े और अच्छे कॉलेज में फर्स्ट लिस्ट में ही उसका नाम आ गया। लेकिन घरवालों की तरफ से साफ मनाही कर दी गई कि अगर उसे पढ़ना है तो घर बैठकर पढ़े, कॉलेज जाने की कोई जरूरत नहीं है।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की आज आखिरी तारीख थी निशा कॉलेज गई, उसने सभी डाक्यूमेंट्स जमा कराए। लेकिन वह जानती थी भले वो कितनी भी कोशिश कर ले, उसका हर प्रयास विफल हो जाएगा क्योंकि कोई भी उसे और उसके सपने को समझने की कोशिश तक नहीं करेगा। सबके खिलाफ जाकर वह आज कॉलेज तो आ गई पर अब एडमिशन का क्या होगा। यह सोचते हुए कॉलेज के बाहर सड़क पर बैठकर पूरा 1 घंटे रोती रही। कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि अब क्या करे और कैसे सबको समझाए कि उसे भी अपनी ज़िन्दगी में कुछ बड़ा करना है, कुछ बनना है।

आखिरकार उसकी हर उम्मीद टूट ही गई जब घर वालों ने ऐडमिशन कराने के लिए साफ-साफ मना कर दिया। अब निशा घर पर सारा दिन रोती रहती थी क्योंकि शायद उसका हर सपना टूट ही गया था। कुछ अलग करने, कुछ अलग बनने का उसमें जो जुनून था शायद अब ठंडा पड़ चुका था। जिसकी जगह अब एक ऐसे तनाव ने ले ली थी जो कभी उसे अकेला रहने ही नहीं देता था। हमेशा अपने उस सपने के बारे में सोच-सोचकर परेशान होती रहती जो अब हाथ से निकल चुका था। अचानक एक दिन अपने इसी दर्द को एक कागज पर लिख डाला।जिसके बाद उसे कुछ अच्छा महसूस हुआ कि जैसे उसके और उसके इस तनाव के बीच कोई तो ऐसा है जिससे वह अपनी हर बात शेयर कर सके बिना किसी डर के।मानों उसके इस तनाव से छुटकारा दिलाने के लिए उसे एक दोस्त मिल गया हो।

इसके बाद जब भी उदास होती तो कुछ लिखने लगती। अकेले बैठकर चाँद-तारों को निहारने लगती। प्रकृति को निहारना जैसे उसका एक शौक बन गया, क्योंकि इनके बीच रहकर वह अपनी हर परेशानी को जैसे भूल ही जाती थी। इसलिए जब भी खाली समय होता तो अच्छी-अच्छी कविताएं लिखने लगती। वो जो जुनून बहुत पीछे छूट चुका था कुछ अच्छा और अलग करने का अब फिर से महसूस होने लगा, अब फिर से जो एक अलग सी जो चाह थी ज़िन्दगी जीने की वो लौट आई थी। इस तरह धीरे-धीरे उसने अपने तनाव को अपनी प्रतिभा बना लिया। अपने इस बुरे समय से भी उसे कुछ अच्छी प्रेरणा मिली क्योंकि जिस तनाव से परेशान होकर उसने लिखना शुरू किया था आज वही लिखना उसकी एक नई पहचान बन गया था। अब अपनी इस नई ज़िन्दगी और नई पहचान को पाकर वो खुश थी जो उसे उसके लेखन से मिली थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational