सुंदर दीक्षा
सुंदर दीक्षा
"सुंदर नहीं है तु, तेरा क्या होगा, तुझसे कौन शादी करेगा?"
"वैसे भी सुंदर लड़की को अधिक प्रेम मिलता है पति से"
सुना है मैंने बहुत कुछ पति और उसकी चाहत के बारे में,मगर विश्वास नहीं किया आज तक ऐसी बातों पर।ये पति चीज है क्या , जो उसके बारे में इतनी जानकारी दी जाती है, बच्चियों को । शायद बचपन से सुंदर बनने की सजने संवरने कि, जैसे बस तैयारियां करवा दी जाती है।ये क्रीम,वो मेकप ,वो फेस पाउडर,वैसा काजल ,ऐसी ड्रेस....
सुंदर दिखना बहुत जरूरी है क्या ? लेकिन क्यो, ये कोई समझा नही पाया या समझाने कि कोशिश नहीं की गई। औरतें जो सुनती आईं, उसे ही नीति मान लिया।
दीक्षा मेरे साथ पढ़ती थी, आम शब्दो में बताए तो , वहीं सुंदर लड़की थी। बस पढ़ाई में कुछ ज्यादा ही मन लगता था उसका इसलिए शायद कभी स्कूल से छुट्टी नहीं लेती थी।
अब आते हैं अमन की ओर,...अरे वही अमन जिससे मिलने कि चाहत में दीक्षा कभी स्कूल से छुट्टी नही लेती थी।
दरअसल प्रेम कहानी स्कूल में भी चलती और स्कूल के बाहर भी, मगर एक दिन.... पता चला कि दीक्षा और अमन एक दूसरे से अलग हो गए... कारण तो उस समय पता नहीं चल पाया था.... कुछ समय बाद पता चला कि अमन दीक्षा को धोखा दे रहा था और उससे कई हजार रुपए भी ऐंठे,और अब अमन ने दूसरी किसी और सुंदर और ज्यादा अमीर लड़की से शादी कर ली।
कहानी यहां दीक्षा और अमन की अकेली की नहीं है।ये कहानी आपकी या मेरे घर की भी हो सकती है। आखिर ऐसी कहानियां या ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं? ऐसा हमने कभी नहीं सोचा । बस हम बगल वाले के साथ ऐसा हुआ सुनकर मजा लेते हैं।मजा लेना अच्छी बात है,मगर मजा हम कैसी बातों का ले रहे हैं, ये सोचना भी बहुत जरूरी है।
सुंदरता की परिभाषा अलग अलग हो सकती है,मगर सुंदर दिखने से ज्यादा जरूरी सुंदर सोचना है। बच्चियों को सजाएं कम और स्वावलंबी बनाए ज्यादा,ताकि फिर से किसी दीक्षा और अमन की कहानी समाज में न बने।