स्त्री
स्त्री


स्त्री कोई भोग की वस्तु नहीं है
स्त्री तो वह है जो मौत की गोद
में जाकर जीवन को जन्म देती है
और जीवन को जन्म एक स्त्री ही दे सकती है।।
स्त्री स्वयं में ही एक सृष्टि है स्त्री जन्म भी देती
है और जीवन भर रक्षा कर एक पौधे की तरह सींचती
भी है ।।