सपनों वाला प्यार
सपनों वाला प्यार
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"कोई पूछे गर सपने हमारे, तो केवल सपने तुम्हारे आते हैं, अपनी चोरी-छुपी मोहब्बत, हम सिर्फ सपनों में जी पाते हैं।। "
उसके ख्याल, उसके सपने ....कैसी अजीब सी ज़िन्दगी हो गई है मेरी ? अब 45 साल की उम्र में कोई हाथी, घोड़ों के सपने तो आने से रहे, मैने अपने इश्क की शुरूआत ही 35 साल की उम्र में की थी। दस साल हो गए उससे मिले और ना मिले भी दस साल। है ना कितनी अलग मेरी कहानी ? पर यही सच है .... जिसमे अगर कोरी कल्पना कुछ है तो वो है मेरे स्वपन।
साल 2010 में हम दोनो यूँ ही आचानक एक रात इंटरनेट पर किसी वेबसाईट के माध्यम से मिले थे। धीरे - धीरे हमारी बातें दोस्ती से गुजरते हुए कब प्यार में बदल गईं .... पता ही नहीं चला। पर क्योंकि हम दोनो ही ये जानते थे कि असल ज़िन्दगी में ये प्यार बिलकुल बेमानी है इसलिये हम दोनो ने कभी भी एक दूसरे से ना मिलने का वादा किया और ये वादा आज भी कायम है।
तो फिर हम दोनो के बीच रहा ही क्या ??? रहा ना .... वो ढेरों सपने जिन्हे हम रोज़ देखा करते हैं। कभी उन सपनों में मिलने की तड़प, कभी मिल कर भी कुछ ना कहने की झिझक, कभी मिले तो जैसे टूट पड़े खो जाने को एक दूसरे की बाहों में, कभी ऐसे चोरी वाले इश्क से मिली बदनामी आदि - आदि।
मैने अपने सपनों वाले प्यार की एक अलग ही दुनिया बसा रखी है। ये सपने रोज़ रात को बिस्तर पर मेरे साथी के साथ शुरू होते हैं जहाँ असली ज़िन्दगी और कपोल कल्पित मेरे प्यार का जब अनोखा मिलन होता है तो उस मिलन में सारी कायनात एक हो जाती है और मिलन के उन हसीन पलों में एक तीसरे व्यक्ति के सपनों को मेरे अंगों में दौड़ा कर मुझे एक अद्भुत एहसास की अनुभूति करा जाती है।
कभी उन जागते हुए सपनों में केवल चुम्बन को ही स्थान मिल पाता है तो कभी उसकी बाहों में तड़पता मेरा ज़िस्म कुछ और पाने की फरमाईश में किसी जंगली बिल्ली की तरह उसके शरीर पर कई वार करने लगता है जिसे वह हँसते हुए सहकर उस ज़िस्म की हर फरमाईश को पूरा करता है।
और अंत में मेरा बदन कामवासना से तृप्त होकर निढाल सा पड़ा जब फिर उस सपने में आने वाले प्रेमी को याद करता है तो एक अजीब सी बिजली अंदर कौंध कर फिर से एक प्रेमरूपी चिंगारी को ज्वलंत कर देती है। उसके सिर्फ ख्याल मात्र से मेरा प्रेम जीवित हो जाता है और मैं अपने सपनों वाले प्यार को मन ही मन धन्यवाद देने लगती हूँ जो ना जाने कितनी बार अपने प्रेम से मेरे अंदर एक नई ऊर्जा भरता रहता है। मेरा साथी मुझे अब पहले से ज्यादा प्यार करने लगा है क्योंकि उसे मेरे उस हकीक़त में बस रहे सपनों वाले प्यार का राज़ आज भी नहीं पता।।