संयोग
संयोग
अभी अभी रोहन हनीमून मना बैंकाक से लोटा और अपने माता-पिता से संपूर्ण यात्रा की चर्चा हंसने हंसाने की अँदाज में कर रहे थे। तभी काफी का कप अपने बेटा पोतहू और पति दीनानाथ जी को बढ़ाते हुए बोली-
बेटा शादी समारोह से घर कितना रोचक और मनोरंजक लग रहा था, बस दो तीन दिन पश्चात ही सब अपने अपने घर वापस चले गये ,तुम लोग भी बैंकाक चले गये ---घर बिल्कुल सुना सुना सा हो गया, इतने बङे घर में में हम दोनों अकेले अकेले उबते जा रहे हैं,
ओह मौम तुम कहाँ अकेली हो ,अब आज से तेरी पोतहू, तेरा बेटा और पापा सब साथ ही तो हैं---चलो आज तुम अपनी हर समस्या अपनी बताओ --,मैं हरेक का समाधान करूँगा।
सोने से पूर्व रोहन अपनी पत्नी राधिका से कहता है --राधिका हमलोगों को जरूर अपनी माता जी के चिन्ता के प्रति गंभीर होने चाहिए।
उनका अकेलापन ही उनकी बङी समस्या है और वो बदरपुर से कहीं बाहर भी नहीं जायेगी। अब तुम बंगलोर वापस अपनी नौकरी पर जाने का इरादा छोङ दो। राधिका बस रोहन की बातों को ध्यान से सुनती रही और यही बोल सकी आप चिन्ता ना करें सब ठीक हो जायेगा।
दिन ब दिन बीतते गया। राधिका ने अपने स्नेहिल व्यवहार से अपने सास ससुर का दिल जीत लिया। घर की सारी समस्याओं को मानिए रफा दफा कुछ दिनों में ही कर गयी।
तभी दरवाजे का काल बेल बजता है- हाथ में राधिका के नाम एक पत्र लेकर ङाकिया खङा था। सासु माँ ने ही उसे रिसिव किया।
राधिका देखो ये पत्र तेरे नाम का आया है --कैसा पत्र है यह।
तभी राधिका इसे पढ़ती है-
प्रेषक
प्रबंधक सह व्यवस्थापक
सनइनोफेटक इन्टरनेशनल प्रा कंपनी
सेवा में,
राधिका तुम इस कम्पनी के कर्णधार हो ,तुम्हारा इस्तीफा मंजूर नहीं किया जा सकता है। तुम्हारे समस्याओं के प्रति कंपनी गंभीर है। कम्पनी का नया प्लांट रौनकगंज में स्थापित किया जा रहा है। तुमको इस नये प्लांट का इंचार्ज बनाया जाता है साथ ही एक वरिष्ठ सहायक तुम्हारा मदद मे तुम्हारे निर्देश का पालन करेंगे।
विश्वासभाजन
प्रबंधक सह व्यवस्थापक
राधिका तुमने अपने नौकरी से त्यागपत्र बगैर मेरे जानकारी के दे दिया। कल तुम अपनी सहमति कंपनी को भेज दो रौनकगंज दूर ही कितना है ,घंटे भर की तो दूरी नहीं है।
राधिका गदगद हो गयी , उसे और क्या चाहिए था। अब सास ससुर को खुश करते हुए उनके साथ रहते हुए अपनी नौकरी राधिका कर सकती थी। एक सुनसान घर फिर से स्वर्ग बन गया।
कहा जाता है कि अगर सोच सही हो ,परोपकारी हो तो भगवान उसके कदमों को मजबूती प्रदान करता है उसके सहायता के लिए संयोग बनाता है।