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cute pankhuri

Inspirational Others

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समय को अपना बनाओ

समय को अपना बनाओ

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कई सालों बाद मैंने उसकी आवाज़ सुनी। अरे ये तो रमेश था। मैंने पीछे पलट कर देखा तो वो मेरी तरफ ही आ रहा था।

सर....सर कब से मुझे आवाज़ दे रहा था। उसने मेरे पैर छुए और हाल चाल पूछा।मैंने ही कहा उससे कहाँ तुम गायब हो गए थे।तुम्हारा फोन भी नहीं लगता था।

रमेश ने मुस्कुराते हर कहा सर चलिए ना, कही आराम से बैठ कर बातें करते हैं। आपसे मुझे बहुत सी बातें करनी है।

मेरे मन में भी उसके लिए कई सवाल थे, इसलिये मैं भी उसके साथ चल दिया।

लगभग 6 सालों बाद मैं रमेश से मिल रहा था। मेरा सबसे होनहार और मेधावी छात्र था वह। कहता था नौकरी तो सब करना चाहते हैं लेकिन मुझे कुछ अलग करना है।

बहुत मन से वह पढ़ाई करता था। उसकी लगन और मेहनत देख कर मैंने कोचिंग में बात करके उसकी फीस माफ करवा दी थी।

अचानक एक दिन ख़बर आयी। रमेश का एक्सीडेंट हो गया और उसके बचने की उम्मीद बहुत कम है। मैंने बहुत उसका फोन लगाया, लेकिन बात नहीं हो पाई। फिर मैं भी अपनी जिंदगी में काफी व्यस्त हो गया।

सर कहाँ खो गए?

रमेश के आवाज़ देने पर मैं वर्तमान में वापस आया।

उसने बताया उस दिन कोचिंग से घर आते वक्त अचानक एक ऑटो से उसका एक्सीडेंट हो गया।

उस समय वो फोन अपने पास नहीं रखता था। इसलिए अस्पताल पहुँचते पहुचते बहुत देर हो गयी थी और उसका बहुत खून बह गया था।

पूरे 1 महीने वो अस्पताल में भर्ती रहा। इसी बीच उसका किसी एग्जाम का इंटरव्यू भी होने वाला था, लेकिन बदकिस्मती से वो जाने से सक्षम नहीं था, इसलिए छूट गया। वो उस बुरे दौर का सामना नहीं कर पाया था। इसलिए वो डिप्रेशन में चला गया। पढ़ाई से उसका मन उचट गया।

घर की माली हालत भी खराब होने लगी थी। इसलिए मैं मन से भी हार गया था।

ऐसे ही 2 साल निकल गए।

एक दिन मैंने देखा कि एक छोटा बच्चा जिसकी माँ सब्जी बेच रही थी, वो सब्जी बेचते बेचते पढ़ाई कर रहा था। वो खुश होकर कोई कविता सुना रहा था।

रमेश को उस बच्चे को देख कर बहुत अच्छा लगा। उसने बच्चे से पूछा पढ़ लिख कर क्या बनोगे?

बच्चे ने कहा भैया मैं बड़ा होकर बहुत बड़ा इंजीनियर बनूंगा और अपने परिवार के लिए बड़ा सा घर बनाऊंगा। हमारा घर बहुत छोटा है ना। बस एक ही कमरा है। इसलिए मैं माँ के साथ यही आकर पढ़ता हूँ।

बच्चे की बात सुन कर मुझे एक नई हिम्मत मिली। जब ये छोटा बच्चा इतने विपरीत हालातों में भी अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहा हैं तो मैं क्यों नहीं।

अब मैं भी अपने सपने को पूरा करूँगा। कितना भी समय लगे लेकिन हार नहीं मानूंगा।

उसके बाद मैंने 2 सालों तक दिन रात मेहनत की।

सर फिर मुझे मेरी मंजिल मिल गयी। अब मैंने यूपीएससी निकाल लिया है। कुछ दिनों में मेरी पोस्टिंग होनी वाली है।

वाकई तुमने बहुत मेहनत की रमेश।

अब मैं भी गर्व से कह सकता हूँ ।मेरा छात्र देश के उच्च सेवा में चयनित हुआ है।

तुमसे अब हम सब को सीख लेनी चाहिए कि अगर हम सब भी हालातों से ना हार कर आगे बढ़ने का जज्बा बनाये रखे तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।

थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन मंजिल जरूर मिलेगी।

रुक मत बंदे, तुझमे जान बाकी है।

मंजिल दूर है बहुत, लेकिन उड़ान बाकी है.

आज नहीं तो कल

जरूर होगी तेरी मुट्ठी में ये दुनिया

लक्ष्य पर अगर तेरा ध्यान बाकी है….

जिंदगी की जंग में ‘हौसला‘ है बहुत जरूरी जीतने के लिए तो सारा जहान बाकी है।


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